एसडीएम के रेत खदान में भागीदारी के आरोप पर विधायक शर्मा कोई प्रमाण नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि उनके पास इसका कोई प्रमाण नहीं है लेकिन जनता से फीडबैक मिल रहा है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता का माहौल हैं। अधिकारी रुपए कमाने में लगे हुए हैं, मंत्रियों की भी नहीं सुन रहे हैं। जनता की चिन्ता किसी को नहीं हैं। सत्ता से मुरम चोर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं करते हैं। सरकार तबादलों में लगी है।
‘घर में एसी कहां से लगवाए, बताएंÓ
– दो दिन पहले एसडीएम हरेंद्र नारायण से कहा था कि ग्वाड़ी और डांडीवाड़ा में भी जाकर देखें लेकिन वे वहां कैसे जाएंगे वहां रेत में भागीदारी जो हैं। एनजीटी के निर्देश हैं कि भंडारण नहीं किया जाए लेकिन ग्वाड़ी और डांडीवाड़ा में भंडारण किया जा रहा है।
– पांच बजे के बाद एसडीएम के दफ्तर में आपराधिक तत्व आते हैं। उनसे घंटों बात करते हैं। इस मामले में कमिश्रर, कलेक्टर और सीएस को पत्र लिखकर जानकारी दी गई है और मांग की है कि एसडीएम कार्यालय में सीसीटीव्ही कैमरे लगवाए जाएं।
– पत्रों का जवाब भी नहीं देते। मीटिंग में भी नहीं आते। नगर पालिका में बैठक थी। आमंत्रण के बाद भी एसडीएम नहीं आए। वे आने में परहेज करते हैं खाने में नहीं करते।
– एसडीएम के बंगले में तीन एसी लगे हैं। हमने इनके बिल मांगे तो नहीं दिए। यह कैसे लगे और इनका बिल कौन देता है।
– घर में बैठकर मंदिर के लिए नोटिस दे रहे हैं। मंडी का मंदिर कैसे खाली हो इस पर फोकस है। मंदिर में अतिक्रमण बताते हैं लेकिन आपराधिक तत्वों ने जो अतिक्रमण किया है और जांच में आ चुका है, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। उन्हें पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए न्यायपूर्ण कार्यवाही करना चाहिए।
‘पता नहीं था, विधायक से पूछकर लगवाना हैÓ
– रेत माफियाओं पर कार्रवाई के लिए एसडीएम के अलावा भी माइनिंग का पूरा अमला है। वैसे भी मेरी रिपोर्टिंग अथॉरिटी कमिश्नर एवं कलेक्टर हैं। जो भी कार्यवाही करता हूं, उन्हें बताता हूं।
– जब भी कोई व्यक्ति मेरे दफ्तर में आता है तो मैं उसका कोई पुलिस वेरीफिकेशन नहीं लेता हूं। उन पर क्या अपराध दर्ज है यह नहीं पूछता न देखता हूं। उनकी समस्या क्या है या आवेदन के आधार पर बात करता हूं। यदि मेरी निगरानी के लिए कलेक्टर को सीसीटीवी लगवाना होगा तो वे लगवा दें।
– पत्र में जो भी मुद्दे लिखे थे उनका जवाब देने अधीनस्थ अधिकारियों से प्रतिवेदन मांगा है प्रतिवेदन मिलने पर जवाब दे दिया जाएगा। पहले एक बार बैठक की सूचना मिली थी उस दिन मीटिंग थी। कल सूचना आई थी लेकिन शेड्यूल के अनुसार निरीक्षण करना था जिसे रद्द नहीं किया जा सकता है।
– मुझे पता नहीं था कि घर में एसी लगवाने के लिए विधायक जी की अनुमति लगती है, लगती होगी तो आगे से ले लेंगे। इस संबंध वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर मार्गदर्शन लेंगे। वैसे विधायक ऐसा आरोप लगाने से पहले मेरे बैंक एकाउंट का ब्योरा प्राप्त कर लेें।
– मैंने अभी तक मंदिरों पर कोई न तो कार्रवाई की है और न ही मेरी जानकारी में है। अन्य अतिक्रमण से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिली न ही मेरी जानकारी में है। यदि शिकायत मिलेगी और अतिक्रमण पाया जाएगा तो कार्रवाई की जाएगी।