आदेश मिलने के बाद जिला पंचायत के निर्देश पर सभी जनपदों में फॉरमेट भेज दिए गए हैं। सर्वे के लिए मोबाइल एप डाउनलोड कराया जा रहा है। सर्वे के लिए जनपदों के एई को नोडल अधिकारी बनाया गया है। मनरेगा की टीम के अलावा उपयंत्री, सचिव व रोजगार एडीओ, पीसीओ सहायकों को टीम में शामिल किया है।
2 जुलाई 2017 को जिस जमीन में वृक्षारोपण किया गा था, उस जमीन का स्टेटस। 2 जुलाई के पूर्व क्या था।
वृक्षारोपण जिस जमीन में किया गया है, सकी आज की वस्तुस्थिति क्या है।
क्रय/प्राप्त किए पौधों के स्त्रोत के संबंध में जानकारी एकत्रित की जाए। विशेष रूप से जहां नर्सरी से पौधे प्राप्त किए गए हैं।
पौधरोपण की प्रत्येक साइट के संबंध में स्वीकृति का विवरण भी प्राप्त किया जाए।
पौधों का भौतिक सत्यापन किन-किन पदाधिकारियों, अधिकारियों, कर्मचारियां ने किया है।
क्या प्रावधान के अनुसार राशि खर्च की गई है।
2017-18 से अभी तक वर्षवार किया गया खर्च का ब्यौरा।
पौधरक्षक नाम तथा पौधरक्षक को किया गया भुगतान।
भौतिक सत्यापन के समय पौधरोपण स्थल का इंफॉरमेपिंग मोबाइल एपलीकेशन का उपयोग कर जियोटैग फोटो लेना है।
होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, मंडला, बड़वानी, कटनी, इंदौर, अनूपपुर, देवास, अलीराजपुर, धार, नरसिंहपुर, रायसेन, बैतूल, सिवनी, डिंडौरी, दमोह, जबलपुर, सीहोर, छिंदवाड़ा, खंडवा, बालाघाट, सागर, बुरहानपुर, खरगौन। मनरेगा से नर्मदा कछार में 13 लाख पौधे लगाए गए थे। जिनका भौतिक सत्यापन कराने का आदेश मिला है। सर्वे के लिए टीम बनाकर जनपदों को निर्देशित किया है।
आदित्य ङ्क्षसह, सीइओ जिपं होशंगाबाद।