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Ground Report mp विधानसभा टोटल स्कैन : अस्पताल है, पर डॉक्टर नहीं, कुछ ऐसे रहे हाल

locationहोशंगाबादPublished: Nov 11, 2018 03:07:50 pm

Submitted by:

sandeep nayak

विधानसभा में लंबे समय से है विस अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा के परिवार का कब्जा

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विधानसभा चुनाव 2018: कुछ क्षेत्रों में वोटरों को घर से निकालने की चुनौती, पिछले चुनाव में कुछ केन्द्रों पर पड़े थे बहुत कम वोट

अमित शर्मा/कृष्णा राजपूत. होशंगाबाद। इटारसी-होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र। यह जिले की चार विधानसभा सीटों में इसलिए खास मानी जाती है कि क्योंकि यहां की जनता ने शर्मा परिवार पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया। वर्ष 1990 से उनका परिवार इस सीट पर काबिज है। अभी यहां से डॉ. सीताशरण शर्मा विधायक हैं। उनसे पहले उनके भाई गिरिजाशंकर शर्मा विधायक रहे। 28 साल पहले यह परिवार राजनीति में सफल नहीं हो पा रहा था और विधानसभा चुनाव हारता रहा। लेकिन अब लगातार जीतते आ रहे हैं। अभी विधानसभा अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं। कमोबेश विकास तो हुआ लेकिन अधिकांश वादे धरे रह गए। दोपहर 3 बजे का वक्त, विधानसभा क्षेत्र का व्यस्त इलाका इंद्रा चौक। यहां हमेशा यातायात का दबाव रहता है, हालांकि यातायात नियंत्रण करने के लिए चौराहे के एक और अस्थायी बैरिकेडिंग है। लेकिन चौराहे पर आवारा पशु ज्यादा नजर आते हैं। यहां फैला अतिक्रमण किसी चुनौती से कम नहीं है। वर्तमान में त्यौहारी सीजन के चलते यहां से पैदल गुजरना भी परेशानी भरा हो रहा है। कुछ दूर चलते ही संभाग का सबसे बड़ा बस स्टैंड है। यहां से प्रतिदिन 200 बसों का आना-जाना होता है। लेकिन बस खड़ी होने की क्षमता 17-18 की ही है। अब हम पहुंचे जिला अस्पताल में जहां डॉक्टरों की कमी है। औसतन 700 के अधिक मरीज रोजाना आते हैं। यहां मोतियाबिंद के ऑपरेशन नहीं होते हैं। कारण है, विशेषज्ञ की कमी, कुछ दिन पहले तक तो रेडियोलॉजिस्ट भी नहीं थे। ऐसे में रोगी की जांच भी नहीं हो पाती थी। अब थोड़ा सुधार है। 66 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। काम पर आते हैं 39 चिकित्सक। इसमें भी 3 डॉक्टर अनाधिकृत अनुपस्थित, 2 निलंबित चल रहे है। कुछ देर चलते पहुंचे लेंडिया बाजार में, जहां शहर की सब्जी मंडी संचालित है, लेकिन हर ओर गंदगी और जाम की स्थिति।
प्रतिद्वंद्वी नहीं दिखे
प्रतिद्वंदी कांग्रेस के नेता पांच साल तक नजर नहीं आए। चुनावी साल में उनकी सक्रियता और विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। उससे पहले विधायक की खिलाफत से बचते रहे।
मुसीबत बनता है डबल फाटक का जाम
रसूलिया क्षेत्र में सबसे अधिक ट्रॉफिक वाला क्षेत्र है डबल फाटक। जहां हर दिन जाम की स्थिति बनती है। यहां से हरदा और भोपाल की ओर जाने वाले भारी वाहन निकलते हैं। पूरे क्षेत्र को रेलवे पटरी दो भागों में बांटती है। जहां प्रतिदिन 70 से अधिक ट्रेनों के आवागमन के कारण जाम लगता है। दोनों छोर को जोडऩे के लिए अंडरपास और ओवरब्रिज बना है।
इसलिए भी बढ़ा अतिक्रमण
नपा ने कुछ समय पहले अतिक्रमण हटाना शुरु किया था, तब विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा अतिक्रमण करने वालों के पक्ष में सड़क पर उतर आए। ऐसे में दोनों के आपसी विवादों के चलते अभियान ठप्प हो गया। जिसका खमियाजा शहर की जनता भुगत रही है। यहां नर्मदा नदी के प्रमुख सेठानी घाट पर एक काम अच्छा हुआ खोय भराई का। दूसरा अमृत परियोजना का काम जारी है।
मेडिकल अस्पताल सिर्फ एक ख्याल रह गया
सीएम ने वर्ष 2013 के चुनावी साल में यहां मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक जमीन पर उतराना तो दूर कागजों में भी कार्रवाई नहीं हुई।
महंगाई और रोजगार सबसे बड़े मुद्दा
महिलाओं और युवाओं दोनों के लिए प्रमुख मुद्दा महंगाई ही है। रसोई गैस सिलेंडर और पेट्रोल के बढ़ते भाव और बेरोजगारी के साथ सीवेज का नर्मदा में मिलना और बारिश में शहर में पानी भर जाना तथा अतिक्रमण बड़े मुद्दे हैं।

टैक्स वापस नहीं करा पाए
यह विधानसभा भाजपा का गढ़ है। इस कारण यहां काफी काम होने की उम्मीदें थी। नपा पर भी भाजपा का कब्जा है। बावजूद भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान से काम नहीं हो पाए। भाजपा संगठन ने कई मौकों पर हस्तक्षेप किया लेकिन सही काम कराने में लाचार रहा। विस अध्यक्ष ने नपा द्वारा व्यापारियों पर लगाए गए टैक्स एक सप्ताह में कम कराने का वादा किया था लेकिन नहीं करा पाए।
विधायक निधि में खर्च हुए लाखों
– विधायक निधि के लिए 85 लाख व स्वेच्छानुदान के लिए ५ लाख मिले
– जिसमें विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए और लोगों की मदद के लिए खर्च कर दिया गया। यह निधि वर्ष २०१७ में बढ़ी और विधायक निधि के लिए 1.85 करोड़ की राशियां मिली और स्वेच्छानुदान के लिए १५ लाख।
– वर्ष 2017 में इसे खर्च तो कर दिया गया, लेकिन २०१८ में खर्च करने के बाद भी कुछ में स्वीकृति नहीं मिल सकी।
पिछले चुनाव का परिणाम
डॉ. सीताशरण शर्मा, भाजपा 91760
डॉ. रवि किशोर जायसवाल, कांग्रेस 42464
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