पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सिंधिया के विवाद के बाद होशंगाबाद को होल्ड कर दिया गया। यहां से सिंह और कमलनाथ ने जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार पर सहमति दी थी। सिंधिया यहां से राजेन्द्र सिंह को टिकट दिलाना चाहते थे लेकिन नाथ और सिंह ने सर्वे में नाम नहीं आने और प्रोफाइल कमजोर होने का हवाला देकर आपत्ति की थी। जिसे सिंधिया ने मां लिया लेकिन फौजदार को भी कमजोर प्रत्याशी मानकर फिलहाल घोषणा रोक दी गई। इसके साथ ही पिपरिया सीट के उम्मीदवार की घोषणा भी रोक दी है। पिपरिया से वीरेंद्र वेलवंशी का नाम तय हुआ था। इन्होंने अपना जनसंपर्क भी शुरू कर दिया था। होशंगाबाद सीट के लिए डॉ शर्मा से मुकाबले के लिए मजबूत उम्मीदवार तालाशा जा रहा है। नहीं मिलने पर आखिर में फौजदार ही किला लड़ा सकते हैं। अभी शीर्ष नेता लोकप्रिय और मजबूत माने जा रहे लोगों से संपर्क साधे हुए हैं। पिपरिया में बलवंशी के नाम पर सहमति बनाने के प्रयास हो रहे हैं।
सतपाल और विजयपाल के बीच मुकाबला
भाजपा-कांग्रेस से प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब सोहागपुर सीट से वर्तमान विधायक व मुख्यमंत्री के नजदीकी विजयपाल सिंह का मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ व पूर्व विधायक अर्जुन पलिया के पुत्र सतपाल पलिया से होगा। सतपाल पहली बार विधानसभा का चुनाव लडऩे जा रहे हैं। उनके पिता की बाहुबली नेता की छवि है।
भाजपा-कांग्रेस से प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब सोहागपुर सीट से वर्तमान विधायक व मुख्यमंत्री के नजदीकी विजयपाल सिंह का मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ व पूर्व विधायक अर्जुन पलिया के पुत्र सतपाल पलिया से होगा। सतपाल पहली बार विधानसभा का चुनाव लडऩे जा रहे हैं। उनके पिता की बाहुबली नेता की छवि है।