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इस चांदी के ताजिए को देखकर होती है हर मन्नत पूरी, दूर-दूर से आते हैं लोग

locationहोशंगाबादPublished: Sep 21, 2018 06:55:09 pm

Submitted by:

sandeep nayak

सोलह बरस में तीन से 34 किलो चांदी का हो गया किन्नरों का ताजिया, आज निकलेगा जुलूस

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इस चांदी के ताजिए को देखकर होती है हर मन्नत पूरी, दूर-दूर से आते हैं लोग

होशंगाबाद। आज देशभर में मोहर्रम का जुलूस निकाला जा रहा है। इस दौरान होशंगाबाद में एक चांदी का बना ताजिया जूलूस में शामिल होगा। इसकी विशेषता यह है कि इनका निर्माण किन्नर समाज द्बारा किया जाता है। यह मध्यप्रदेश का एकमात्र चांदी से बना ताजिया है।
इस बार 34 किलो का ताजिया
सोलह साल पहले किन्नरों द्वारा शुरू किए गया ताजिया जुलूस अब आकर्षण का केंद्र बन गया है। तीन किलो के यह तजिया अब 34 किलो चांदी के हो गए हैं। हर साल इनका आकार बढ़ रहा है। इस साल सवा किलो चांदी बढ़ी है।
मोहर्रम के दिन शुक्रवार को चांदी से बना ताजिया जुलूस में शामिल होगा। इस ताजिया को किन्नर समाज द्बारा बनाया गया है। इसकी शुरूआत 16 साल पहले किन्नरों के गुरु ने शुरू की थी, जिसे वे आगे बढ़ाते आ रहे हैं। यह जुलूस शहर में आकर्षण का केंद्र रहता है। शहर के विभिन्न रास्तों सं होते हुए जुलूस दशहरा मैदान में पहुंचेगा। जहां अगले दिन सुबह कर्बला में इसका विसर्जन होगा।

पूरी होती है मुराद
जुमेराती के कोरी मोहल्ले में इस चांदी के ताजिए की स्थापना की जाती है। बताया जाता है कि इस स्थान पर जो व्यक्ति अपनी मुराद लेकर आता है वह पूरी होती है। 10 दिनों के कार्यक्रम में दूर-दूर से लोग यहां आकर लोभान छोड़ते हैं।
ऐसे बढ़ रहा आकार
किन्नर समाज ने चांदी के इस ताजिया को बनाया था। यह मध्यप्रदेश में इकलौता चांदी का ताजिया होना बताया जा रहा है। शुरूआत में इसका वजन तीन किलो था। यानि यह तीन किलो चांदी से बना था, लेकिन अब 34 किलो वजनी हो चुका है। किन्नर समाज की प्रमुख गोरी और नेहा बताती हैं कि इस साल सवा किलो चांदी जोड़ी जाएगी। उन्हें लोगों द्वारा जो चांदी के जो आभूषण दिए जाते हैं, उस चांदी का उपयोग ताजिए में किया जाता है। इस तरह साल दर साल चांदी बढऩे से इसका वजन बढ़ता जा रहा है। वे कहती हैं मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान के जयपुर में भी चांदी के ताजिए की स्थापना की जाती है।

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