जुमेराती के कोरी मोहल्ले में इस चांदी के ताजिए की स्थापना की जाती है। बताया जाता है कि इस स्थान पर जो व्यक्ति अपनी मुराद लेकर आता है वह पूरी होती है। 10 दिनों के कार्यक्रम में दूर-दूर से लोग यहां आकर लोभान छोड़ते हैं।
ऐसे बढ़ रहा आकार
किन्नर समाज ने चांदी के इस ताजिया को बनाया था। यह मध्यप्रदेश में इकलौता चांदी का ताजिया होना बताया जा रहा है। शुरूआत में इसका वजन तीन किलो था। यानि यह तीन किलो चांदी से बना था, लेकिन अब 34 किलो वजनी हो चुका है। किन्नर समाज की प्रमुख गोरी और नेहा बताती हैं कि इस साल सवा किलो चांदी जोड़ी जाएगी। उन्हें लोगों द्वारा जो चांदी के जो आभूषण दिए जाते हैं, उस चांदी का उपयोग ताजिए में किया जाता है। इस तरह साल दर साल चांदी बढऩे से इसका वजन बढ़ता जा रहा है। वे कहती हैं मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान के जयपुर में भी चांदी के ताजिए की स्थापना की जाती है।