इस बार टै्रजरी से होगा भुगतान
ज्ञात हो कि अक्टूबर और नवंबर का भुगतान राज्य मंडी बोर्ड ने कृषि उपज मंडी के माध्यम से कराया था। यानि मंडी से ही किसानों के खातों में राशि पहुंचाने के लिए सूची तैयार की गई थी। इस बार व्यवस्था में बदलाव हुआ है। राशि ट्रैजरी में कलेक्टर के लॉगइन से भुगतान की जाएगी।
एक नाम की एंट्रियों का मिलान हो रहा
योजना के तहत निश्चित रकबे में हुए उत्पादन का ही भुगतान किया जाना है। इसके लिए किसानों की एंट्रियों का मिलान किया जा रहा है। यानि दिसंबर में अलग-अलग दिन उपज बेचने वाले किसान की राशि उसे जोड़कर दी जाएगी। ट्रैजरी के ऑनलाइन भुगतान सिस्टम में किसान का नाम एक बार ही ट्रेस किए जाने के कारण यह किया जा रहा है। उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत ने बताया कि मंडी में ऐसे किसानों की छंटनी कर बिल तैयार किए जा रहे हैं। किसानों की भुगतान संबंधी शिकायतों का भी प्राथमिकता से निराकरण किया जा रहा है।
सिराली मंडी के किसानों का भुगतान अटका
बीते साल नवंबर में उपज बेचने वाले जिले के कई किसानों का योजना के तहत भुगतान अब तक नहीं हो सका है। सीएम हेल्पलाइन पर ऐसी अनेक शिकायतें है। सबसे अधिक आर्थिक परेशानी सिराली मंडी में उपज बेचने वालों की बताई जा रही है। नवंबर में उपज बेच चुके करीब 1200 किसानों के भुगतान की गणना देरी से होने के कारण इनकी राशि ही स्वीकृत ही नहीं हो सकी। इसके पीछे सिराली मंडी प्रबंधन की लापरवाही बताई जा रही है। उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत ने बताया कि गुरुवार को भी सिराली क्षेत्र के कई किसान यह शिकायत लेकर पहुंचे थे। मंडी में उनकी राशि की गणना कर शासन से मांग की जाएगी। जल्द ही उनका भुगतान किया जाएगा।
रबी सीजन के पंजीयन अब 12 फरवरी से होंग
भावांतर भुगतान योजना में खरीफ सीजन की उपज खरीदी में सामने आई परेशानियों के बाद शासन ने पोर्टल को अपडेट किया है। ताकि इस काम में लगे अमले और किसानों को रबी सीजन की खरीदी के दौरान परेशानी न हो। इसके चलते रबी सीजन के पंजीयन की तिथि भी बढ़ाई गई है। पहले 1 फरवरी से शुरू होने वाला पंजीयन कार्य अब 12 फरवरी से 12 मार्च तक होगा। वहीं उपज खरीदी 15 मार्च से शुरू होगी। उपसंचालक चंद्रावत के मुताबिक पोर्टल अपडेट होने से खरीदी व भुगतान व्यवस्था आसान हो जाएगी।
भावांतर भुगतान योजना के तहत जिले को इतनी मिल चुकी राशि
अक्टूबर : ३ करोड़
नवंबर : ४२ करोड़
दिसंबर : ५४ करोड़
ज्ञात हो कि अक्टूबर और नवंबर का भुगतान राज्य मंडी बोर्ड ने कृषि उपज मंडी के माध्यम से कराया था। यानि मंडी से ही किसानों के खातों में राशि पहुंचाने के लिए सूची तैयार की गई थी। इस बार व्यवस्था में बदलाव हुआ है। राशि ट्रैजरी में कलेक्टर के लॉगइन से भुगतान की जाएगी।
एक नाम की एंट्रियों का मिलान हो रहा
योजना के तहत निश्चित रकबे में हुए उत्पादन का ही भुगतान किया जाना है। इसके लिए किसानों की एंट्रियों का मिलान किया जा रहा है। यानि दिसंबर में अलग-अलग दिन उपज बेचने वाले किसान की राशि उसे जोड़कर दी जाएगी। ट्रैजरी के ऑनलाइन भुगतान सिस्टम में किसान का नाम एक बार ही ट्रेस किए जाने के कारण यह किया जा रहा है। उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत ने बताया कि मंडी में ऐसे किसानों की छंटनी कर बिल तैयार किए जा रहे हैं। किसानों की भुगतान संबंधी शिकायतों का भी प्राथमिकता से निराकरण किया जा रहा है।
सिराली मंडी के किसानों का भुगतान अटका
बीते साल नवंबर में उपज बेचने वाले जिले के कई किसानों का योजना के तहत भुगतान अब तक नहीं हो सका है। सीएम हेल्पलाइन पर ऐसी अनेक शिकायतें है। सबसे अधिक आर्थिक परेशानी सिराली मंडी में उपज बेचने वालों की बताई जा रही है। नवंबर में उपज बेच चुके करीब 1200 किसानों के भुगतान की गणना देरी से होने के कारण इनकी राशि ही स्वीकृत ही नहीं हो सकी। इसके पीछे सिराली मंडी प्रबंधन की लापरवाही बताई जा रही है। उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत ने बताया कि गुरुवार को भी सिराली क्षेत्र के कई किसान यह शिकायत लेकर पहुंचे थे। मंडी में उनकी राशि की गणना कर शासन से मांग की जाएगी। जल्द ही उनका भुगतान किया जाएगा।
रबी सीजन के पंजीयन अब 12 फरवरी से होंग
भावांतर भुगतान योजना में खरीफ सीजन की उपज खरीदी में सामने आई परेशानियों के बाद शासन ने पोर्टल को अपडेट किया है। ताकि इस काम में लगे अमले और किसानों को रबी सीजन की खरीदी के दौरान परेशानी न हो। इसके चलते रबी सीजन के पंजीयन की तिथि भी बढ़ाई गई है। पहले 1 फरवरी से शुरू होने वाला पंजीयन कार्य अब 12 फरवरी से 12 मार्च तक होगा। वहीं उपज खरीदी 15 मार्च से शुरू होगी। उपसंचालक चंद्रावत के मुताबिक पोर्टल अपडेट होने से खरीदी व भुगतान व्यवस्था आसान हो जाएगी।
भावांतर भुगतान योजना के तहत जिले को इतनी मिल चुकी राशि
अक्टूबर : ३ करोड़
नवंबर : ४२ करोड़
दिसंबर : ५४ करोड़