पहले चरण का हो चुका सर्वे
सर्वे 2020 में अप्रैल से जून के बीच पहले चरण का सर्वे हो चुका है। जुलाई में केंद्रीय टीम ने आकर लोगों से फीडबैक लिया है। टीम ने शहर के विभिन्न वार्डों में सफाई व्यवस्था, कचरा कलेक्शन सहित अन्य बिंदुओं पर लोगों का फीडबैक लिया है। दूसरा चरण जुलाई से सितंबर के बीच चलना था। नपा का इस चरण में सबसे ज्यादा फोकस बाजार में पॉलीथीन प्रतिबंधित करना है।
सर्वे 2020 में अप्रैल से जून के बीच पहले चरण का सर्वे हो चुका है। जुलाई में केंद्रीय टीम ने आकर लोगों से फीडबैक लिया है। टीम ने शहर के विभिन्न वार्डों में सफाई व्यवस्था, कचरा कलेक्शन सहित अन्य बिंदुओं पर लोगों का फीडबैक लिया है। दूसरा चरण जुलाई से सितंबर के बीच चलना था। नपा का इस चरण में सबसे ज्यादा फोकस बाजार में पॉलीथीन प्रतिबंधित करना है।
यह है हकीकत
पहला स्थान- रामगंजइस क्षेत्र में सफाई व्यवस्था ठप है। कचरे का ढेर लग रहा है और सफाईकर्मी भी उसे उठाने में रचि नहीं दिखा रहे हैं। गंदगी के कारण आसपास के लोग परेशान हैं।
दूसरा स्थान- नारायण नगर
नारायण नगर में भी सफाई व्यवस्था अच्छी नहींं है। सड़क किनारे कचरे का ढेर लगा है। नपा के स्वास्थ्य विभाग का इसे हटाने तरफ ध्यान ही नही है।
तीसरा स्थान- सदर बाजार
सदर बाजार में भी सड़क किनारे नाले से निकला हुआ मलबा और कचरे का ढेर लोगों की तकलीफ बढ़ा रहा है। इसे अब तक हटाया नहीं जा सका है।
पहला स्थान- रामगंजइस क्षेत्र में सफाई व्यवस्था ठप है। कचरे का ढेर लग रहा है और सफाईकर्मी भी उसे उठाने में रचि नहीं दिखा रहे हैं। गंदगी के कारण आसपास के लोग परेशान हैं।
दूसरा स्थान- नारायण नगर
नारायण नगर में भी सफाई व्यवस्था अच्छी नहींं है। सड़क किनारे कचरे का ढेर लगा है। नपा के स्वास्थ्य विभाग का इसे हटाने तरफ ध्यान ही नही है।
तीसरा स्थान- सदर बाजार
सदर बाजार में भी सड़क किनारे नाले से निकला हुआ मलबा और कचरे का ढेर लोगों की तकलीफ बढ़ा रहा है। इसे अब तक हटाया नहीं जा सका है।
यह हुआ बदलाव
पिछले दो साल के मुकाबले इस बार होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे का पैटर्न अलग है। अभी तक जो सर्वे होते रहे हैं वे वार्षिक होते थे जिससे नगरीय निकाय सर्वे के पहले जिन क्षेत्रों पर ज्यादा नंबर होते थे उन पर विशेष ध्यान देते थे, अब निकायों का साल में तीन बार सर्वे होगा। जिसके आधार पर नंबरिंग होगी।
पिछले दो साल के मुकाबले इस बार होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे का पैटर्न अलग है। अभी तक जो सर्वे होते रहे हैं वे वार्षिक होते थे जिससे नगरीय निकाय सर्वे के पहले जिन क्षेत्रों पर ज्यादा नंबर होते थे उन पर विशेष ध्यान देते थे, अब निकायों का साल में तीन बार सर्वे होगा। जिसके आधार पर नंबरिंग होगी।
ऐसे होगी परीक्षा
पहला चरण- अप्रैल से जून
दूसरा चरण- जुलाई से सिंतबर
तीसरा चरण- अक्टूबर से दिसंबर
मूल्यांकन होगा- जनवरी 2020 में गत वर्षों में नपा की स्थिति
1 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में होशंगाबाद की स्थिति
स्वच्छता सर्वे 2019-87 वां स्थान
प्राप्तांक-2956/5000
स्वच्छता सर्वे 2018-75 वां स्थान
प्राप्तांक-2674/4000
पहला चरण- अप्रैल से जून
दूसरा चरण- जुलाई से सिंतबर
तीसरा चरण- अक्टूबर से दिसंबर
मूल्यांकन होगा- जनवरी 2020 में गत वर्षों में नपा की स्थिति
1 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में होशंगाबाद की स्थिति
स्वच्छता सर्वे 2019-87 वां स्थान
प्राप्तांक-2956/5000
स्वच्छता सर्वे 2018-75 वां स्थान
प्राप्तांक-2674/4000
किसने क्या कहा
कचरे का ढेर लगा रहता है। सफाईकर्मियों को उसे हटाने से मतलब नहीं है। कचरे से बदबू आने से लोगों को परेशान होना पड़ता है।
उमेश चावरे, निवासी रामगंज
सफाई व्यवस्था के नाम पर मजाक हो रहा है। कर्मचारी खुद ही कचरे का ढेर लगा जाते हैं और फिर वह साफ नहीं होता है। स्वच्छता के नाम पर सिवाए दिखावा होता है।
संदीप अग्रवाल, निवासी सदर बाजार
कचरे का ढेर लगा रहता है। सफाईकर्मियों को उसे हटाने से मतलब नहीं है। कचरे से बदबू आने से लोगों को परेशान होना पड़ता है।
उमेश चावरे, निवासी रामगंज
सफाई व्यवस्था के नाम पर मजाक हो रहा है। कर्मचारी खुद ही कचरे का ढेर लगा जाते हैं और फिर वह साफ नहीं होता है। स्वच्छता के नाम पर सिवाए दिखावा होता है।
संदीप अग्रवाल, निवासी सदर बाजार