महाराष्ट्र विदर्भ सहित अनेक जिलों से श्रद्धालु भोलेशंकर के दर्शन, पूजन के लिए एकत्र होते है। दस दिनों तक १५ से २० किमी दुर्गम पहाड़ी मार्ग की पैदल यात्रा पूरी कर भक्त नागद्वार गुफा पहुंचते हैं। मेले से पूर्व हर साल बारिश शुरू हो जाती है जिससे कठिन यात्रा सुगम होती है और पहाड़ों पर पसरी गंदगी भी बह जाती है। कलेक्टर, एसडीएम, जिला सीइओ ने मेले का भ्रमण कर जायजा लिया तो पहाडी झरने, कुंड बारिश नहीं होने से रीते पड़े है।
मेला अधीक्षक के अनुसार मेला सुचारु संचालन के लिए सारी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कलेक्टर के आदेश पर नागफनी से काजरी तक मेला क्षेत्र की सफाई, बोर्डो की पुताई, कमजोर रैलिंग सुधार कार्य, काजरी में 20 अस्थाई शौचालय निर्माण कार्य को पूरा कराय जा रहा है। इस साल सेवामण्डल कोई भी दान राशि की पर्ची नहीं काटेंगे यदि ऐसा होता मिलेगा तो संबंधित मण्डल का रजिस्ट्रेशन रदद कर दिया जाएगा। चित्रशाला में कोई दुकान नहीं लगाने दी जाएगी। चित्रशाला तथा चिंतामनी स्थित शौचालय मरम्मत तथा सीवेज पाईप लाइन बढ़ाने का कार्य पीडब्लूडी को सौंपा गया है।
महादेव मेला समिति ने पूर्व में मेला तिथि 25 जुलाई से 6 अगस्त तक निर्धारित की थी लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से मेला तिथि को आगे बढ़ाकर तीन दिन की इसमें कटौती की गई है। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने मेला अवधि को 28 जुलाई से ६ अगस्त तक निर्धारित कर दिया है। 28 जुलाई तक बारिश होने की पूरी संभावना है। महाराष्ट्र में शिव भक्त बारिश के लिए प्रार्थना कर रहे उनकी मन्नत पूरी होती है तो मेला सुचारु रहेगा।
एसडीएम ने बताया कि मेला क्षेत्र में दुर्गम स्थानों पर महाराष्ट्र के सेवामण्डल श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी, चाय नाश्ता की सेवा देते हैं इन्हें सामग्री सहित दुर्गम स्थान पहुंचना होता है। मण्डलों को अब 20 जुलाई के स्थन पर 25 जुलाई को प्रवेश की अनुमति रहेगी ताकि 28 जुलाई से पहले वे अपनी व्यवस्थाएं पूर्ण कर सके।
नागद्वारी मेला ट्रैक तीन बड़े दुर्गम पहाड़ों, नालों, झरनों को पार कर करीब २० किमी की यात्रा से पूर्ण होता है। यहां पेयजल के लिए कोई बोर नलकूप नहीं है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में खनन, पक्का निर्माण प्रतिबंधित है। लेकिन यहां महादेव की कृपा से आसमानी जल तीन लाख श्रद्धालुओं की प्यास बुझाता है। पाइप लाइन में टोंटी लगाकर मेला क्षेत्र में पेयजल मुहैया कराया जाता है। पचमढ़ी जल गली नागफनी से श्रद्धालुओं का प्रवेश होता है यहां दो नलकूप शासकीय है। नलकूपों से नागफनी क्षेत्र में ५ हजार लीटर की पानी की टंकी से पानी सप्लाई होता है। ३ किमी पाइप डालकर कालाझाड़,भजियागिरी तक पानी 20 वाटर टेप से उपलब्ध कराया जाता है। पीएचई ने मेला पूर्व पाइप लाइनों का सर्वे कर लिया है।
बारिश होते ही पानी के क्लोरीनेशन का कार्य शुरु होगा। कलेक्टर एवं महादेव मेला समिति सदस्यों की सहमति से मेला अवधि 28 जुलाइ्र से 06 अगस्त तय हो गई है। इस बीच बारिश होने पर मेला सुचारु चलेगा। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित सभी कार्य प्रगति पर है।
मदन सिंह रघुवंशी, एसडीएम, मेला अधीक्षक