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National Girl Child Day: बराबरी का दर्जा पाने कुछ साल ओर करना पड़ेगा इंतजार

locationहोशंगाबादPublished: Jan 23, 2019 08:12:58 pm

Submitted by:

poonam soni

बेटियों की चाह बढ़ी फिर भी लिंगानुपात में कमी

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National Girl Child Day: बराबरी का दर्जा पाने कुछ साल ओर करना पड़ेगा इंतजार

होशंगाबाद। बेटियों की चाहत में लिंगानुपात में बढोत्तरी तो हो रही है। लेकिन फिर भी बेटो की संख्या अभी भी अधिक है। जहां एक ओर सरकार की बेटियों को लेकर दर्जनो अभियान और योजनाएं चलाई जा रहीं है। वहीं दूसरी तरफ लिंगानुपात में कमी भी है। लड़के और लड़कियों के समान दर्जा पाने के लिए कुछ सालों का और इंतजार करना पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है। स्वास्थ्य विभाग के आकड़ो के अनुसार पिछले दो सालों में 2017 में 5710 बच्चों ने जन्म लिया जिसमें 2973 बेटे और 2018 में 5923 ने जन्म लिया, जिसमें 3133 बेटे और 2790 बेटियों ने जन्म लिया। महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी संजय त्रिपाठी ने बताया कि कुछ सालों में क्या बल्कि जल्द से जल्द प्रयास करेंगे की हमें लड़को और लड़कियों के लिंगानुपात में समान सम्मान और समान संख्या का दर्जा प्राप्त हो।
सामाजिक संगठन मिलकर कर करे कार्य
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के साथ साथ कई सारे अभियान चल रहे है। जिससें लोगो को बेटियों के प्रति जागरूक कर रहें है। बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार की तरफ से सुकन्या समृद्धि योजना, डॉटर्स क्लब का गठन, घाटों पर पूर्णिमा कन्या पूजन, अटल बाल पालक, घर की पहचान बेटी के नाम, मैराथन, रक्षा बेटी पर्व, लक्ष्मी किट का वितरण, पोषण एवं बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ योजना।
ये रहे आकड़े
वर्ष-2017-2018
माह- लड़का- लड़की
अप्रैल- १९९-१७०
मई- २१५-२०४
जून- २०३-२१४
जुलाई- २३७-२१७
अगस्त- २७०-२२३
सितंबर- २८२-२४८
अक्टूबर- २६०-२३७
नबंवर- २६०-२६५
दिसंबर- २५६-२३४
जनवरी- २४६-२२३
फरवरी- २५३-२२९
मार्च- २९२-२७३
वर्ष-२०१८-2019 jan
माह- लड़का-लड़की
अप्रैल- २१२-१७०
मई- २५८-२००
जून- २२३-२२४
जुलाई- २२२-१८८
अगस्त- २७९-२२०
सिंतबर- २८२-२५०
अक्टूबर- २९१-२६१
नंबवर- २९६- २७२
दिसंबर- २६३- २३२
जनवरी- २५५- २४८
फरवरी- २५८- २४१
मार्च- २९४- २८४
बेटियों को लेकर कई सारे अभियान चलाए जा रहे है, जिसकों लेकर लोगो में पिछले कई सालों में जागरूकता आई है। और आने वाले कुछ सालों में भी जागरूकता आ जाएगी। तभी समाज संख्या और समाज दर्जा प्राप्त होगा। इसी के साथ सामाजिक संगठन के सदस्य मिलकर भी कार्य कर रहें है। समाज और जिले में जो माहौल है उसको लेकर सभी बहुत आशांवित है।
संजय त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी

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