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ब्लू व्हेल गेम: टास्क पूरा करने ट्रेन में बैठ गई दो छात्राएं, अगले स्टेप के लिए मोबाइल ऑन किया तो उड़ गए होश…..

locationहोशंगाबादPublished: Sep 13, 2017 08:11:11 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

पहले टास्क में बल्ब फोड़े थे, दूसरा टास्क घर से भागने का मिला, पंजाबमेल में बैठीं थी, होशंगाबाद में पकड़ी गईं

new chalange of blue whale game

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होशंगाबाद। ब्लू व्हेल गेम के झांसे में आगरा के एक प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल की दो छात्राएं भी अपनी जान देने घर से निकल गई थी। अगला चैलेंजिंग टास्क पूरा करने 16-17 वर्षीय यह दोनों छात्राएं चुपचाप घर से निकलकर ट्रेन में सवार हो गई। लेकिन पांच घंटे के सफर के बाद जैसे ही अगला टास्क जानने के लिए मोबाइल फोन ऑन किया तो स्क्रीन पर देखते ही होश उड़े। वे होशंगाबाद स्टेशन पर उतर गई लेकिन अगला कदम उठाती, इससे पहले ही वहां मौजूद लोग ताड़ गए कि कुछ गड़बड़ है। जिससे दोनों छात्राओं की जान बच गई। 
बच्चों को मौत के दलदल में धकेलने वाले ब्लू व्हेल गेम में पूरे देश से नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। बुधवार को होशंगाबाद में एक मामले का खुलासा हुआ है। आगरा के प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल की नौवीं की 16-17 वर्षीय दो छात्राएं ब्लू व्हेल गेम का टास्क पूरा करने के लिए घर छोड़कर भाग निकलीं। दोनों को गेम के एडमिन ने धमकी दी थी कि यदि उन्होंने घर नहीं छोड़ा तो उनके माता पिता के साथ अनहोनी हो जाएगीद्ध गेम के एडमिन की ओर से तीन दिन से धमकी दी जा रही थी कि वे घर छोड़ दें। माता पिता के साथ अनहोनी की आशंका से डरकर दोनों छात्राओं ने घर छोड़ दिया और पंजाब मेल में बैठ गईं। बुधवार को परिजन उन्हें यहां लेने पहुंच परिजन से मिलने के बाद दोनों छात्राएं रो पड़ीं और उन्हें अपनी गलती का अहसास भी हुआ है। दोनों छात्राओं ने कहा कि वे अब ब्लू व्हेल गेम से दूसरे बच्चों को बचाने के लिए रोल मॉडल बनकर स्कूल एवं शहर में जागरूकता अभियान चलाएंगी। छात्राएं आगरा के एक प्रतिष्टित स्कूल में नौवीं में पढ़ती हैं।
घर छोडऩे के टास्क को पूरा करने के लिए दोनों छात्राओं ने पहले तो एक-दो दिन टाला, लेकिन माता-पिता के साथ अनहोनी घटना होने के डर से दोनों घर से स्कूल न जाकर एक जोड़ी कपड़े बैग में रखकर सीधे आगरा स्टेशन पहुंची और पंजाबमेल स्लीपर कोच में बैठ गईं। सीडब्ल्यूसी के सदस्य अनिल झा ने बताया कि उक्त छात्राओं की काउसिलिंग में उनके ब्लू व्हेल गेम खेलने की बात सामने आई है। दोनों पंजाबमेल टे्रन में बैठकर सफर कर रहीं थी। 4-5 घंटे के बीच सफर में उन्होंने जब मोबाइल ऑन किया तो परिजन के मिस्ड कॉल देख घर की चिंता हुई। शाम 4 बजे घर नहीं लौटने पर पिता-भाई ने फोन किए। घरवालों को फोन कर टे्रन में सफर की बात बताई। परिजन की समझाइश पर होशंगाबाद स्टेशन में उतरीं।
जीआरपी ने बताया कि मंगलवार रात करीब 11 बजे मुसाफिर खाने की चेकिंग के दौरान दोनों छात्राएं डरी-सहमी बैठीं थीं। आशंका होने पर दोनों चाइल्ड लाइन सदस्यों को बुलाकर सुपुर्द किया। बुधवार सुबह जिला पंचायत भवन स्थित सीडब्ल्यूसी के समक्ष परिजन के सामने पेश किया। सीडब्ल्यूसी सदस्य अनिल झा एवं अफरोज ने काउंसिलिंग की। बाद में परिजन को सौंप दिया गया। एक छात्रा आर्मी के रिटायर्ड ऑफिसर की बेटी है तो दूसरी आगरा के ही प्रतिष्ठित व्यापारी की बेटी है।
परेंट के माध्यम से स्कूल भेजा पत्र
सीडब्ल्यूसी होशंगाबाद ने पेरेंट के थ्रू स्कूल के छात्र-छात्राओं को ब्लू व्हेल गेम से बचाने के लिए अधिकृत सूचना पत्र भिजवाया है। जिसमें अभिभावकों एवं प्रबंधक को बच्चों पर निरंतर नजर रखने की समझाइश दी गई है।
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