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जिला अस्पताल में नवजात की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

locationहोशंगाबादPublished: Feb 16, 2020 09:03:28 pm

Submitted by:

Manoj Kundoo

नवजात के शव का तीन डाक्टरों की टीम ने किया पीएम, भोपाल भेजा बिसरा

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होशंगाबाद
जिला अस्पताल में शनिवार को संदिग्ध अवस्था में एक नवजात की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने हंगामा किया और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों ने कहा- प्रसव के बाद बच्चे की जांच करने कोई डाक्टर नहीं आया। रात में डाक्टर ड्यूटी से नदारद रहते हैं और स्टॉफ बदसलूकी करता है। डोलरिया निवासी अभिषेक राजपूत (२३) की पत्नी प्रतिभा को प्रसव पीड़ा के चलते गुरुवार १३ फरवरी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रात १.३० बजे उसने बेटे को जन्म दिया। जिसका वजन ३.५० किलो था। परिजनों ने बताया कि प्रसव के बाद एक बार भी मां और बच्चे की जांच करने डाक्टर नहीं आए। शनिवार सुबह ६ बजे बच्चे ने हरकत नहीं की तो परिजन उसे एसएनसीयू लेकर गए। यहां डा. सुनील गौर ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। हंगामा होते देख अस्पताल के अन्य डाक्टर भी आ गए। पीडि़त परिवार के नाते रिश्तेदारों व डाक्टरों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। ———–प्रसव के लिए मांगते हैं पैसे- पीडि़त परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल स्टॉफ से लेकर गार्ड तक सभी लोग प्रसव के लिए आने वालों से पैसे मांगते हैं। हमसे भी मांगे थे, विरोध किया तो गार्ड ने बदतमीजी करते हुए गालीगलौच की और धमकाया।
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शुक्रवार रात को दो बार डाक्टर को बुलाने गया था, लेकिन डाक्टर नहीं मिले। ड्यूटी पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा डाक्टर आएंगे तो बुला लेंगे। मैं वापस लौट आया। शनिवार सुबह ६ बजे पत्नी और बच्चे के पास पहुंचा। बेटा सो रहा था। पत्नी को जगाया कहा हरीरा गर्म करवाकर लाता हूं, पी लेना। बच्चे को उठाने की कोशिश की, कोई हलचल नहीं हुई। भागकर डाक्टर के पास ले गया, डाक्टर ने जांच के बाद मृत बता दिया। -जैसा अभिषेक राजपूत ने बताया
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तीन डाक्टरों की टीम ने किया पीएम- शव का जिला अस्पताल के डा. भास्कर गुप्ता, डा. आरके वर्मा, डा. डीसी किंगर ने पोस्टमार्टम किया। पीएम के बाद बिसरा मेडिकोलीगल संस्थान भोपाल भेजा गया है। जहां से रिपोर्ट आने के बाद नवजात की मौत के कारणों का खुलासा होगा।
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इनका कहना है…
बच्चा हमारे पास मृत अवस्था में लाया गया था। जांच के बाद परिजनों को बताकर पीएम के लिए अपलाई कर दिया था। -डा. सुनील गौर, प्रभारी एसएनसीयू
पीएम कराकर बिसरा भोपाल भेजा है। रिपोर्ट आने पर कारण पता चलेंगे। आरोपों की जांच कराएंगे। लापरवाही मिली तो कार्रवाई भी होगी। -डा. रविंद्र गंगराड़े, सीएस जिला अस्पताल

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हर साल तीन सौ से ज्यादा बच्चों की मौत
मां और बच्चे की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग कई योजनाएं चला रहा है, लेकिन हालात अब भी बहुत बेहतर नहीं हैं। जिले में हर साल ३०० से ज्यादा नवजात बच्चे दम तोड़ रहे हैं। जिसका खुलासा मप्र नेशनल हेल्थ मिशन की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक अकेले होशंगाबाद जिले में ही पिछले पांच वर्षों में १ हजार ८१० नवजातों की मौत हो चुकी है।
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