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करवट बदलते ही कैदी पहुंच जाता है दूसरे के इलाके में…जानें क्या है मामला

locationहोशंगाबादPublished: Jan 03, 2018 12:58:27 pm

Submitted by:

Manoj Kundoo

अंग्र्रेजों की बनाई जेल में विवाद न हो इसलिए बैरकों में कलर पेंट से बनाए बॉक्स में सुलाया जा रहा है कैदियों को

no space for prisoners in central jail hoangabad mp latest hindi news

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मनोज कुंडू/होशंगाबाद। वाहन पार्र्किंग में जिस तरह हर वाहन के लिए आयल पेंट से लाइन खींचकर पार्र्किंग की जगह चिन्हित की जाती है, ठीक वैसे ही कैदियों के लिए जेल की बैरिक में जगह मिल रही है। इन दो लाइनांे के बीच में ही कैदी को रात में आराम करना पड़ता है, करवट बदलते ही दूसरे के इलाके में पहुंच जाता है। यह हाल हैं, केंद्रीय जेल होशंगाबाद के। यहां कैदियों के सोने की जगह को लेकर जेल प्रबंधन भी परेशान है। जेल की क्षमता २३० कैदियों को रखने की है। जबकि संख्या बढ़कर ५९५ हो गई है। ऐसे में कैदियों को रखा कहां जाए, यह जेल प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन गया है। दिन तो किसी तरह कट जाता है लेकिन रात में सोने में दिक्कत हो रही है। अभी सर्दियों के कारण थोड़ी राहत है। फिर भी कैदियों के बीच जगह को लेकर विवाद न हो, इसके लिए बैरक में ऑइल पेंट से लकीर खींचकर बॉक्स बनाए हैं। इसमें ही संबंधित कैदी को सोने के निर्देश हैं। जेल में ११० कैदियों की क्षमता वाले चार बैरक है। कैदी ज्यादा और बैरक कम होने के कारण इनमें १५० तक कैदियों को रखा गया है। यहां हत्या, लूट सहित अन्य गंभीर अपराधों के भी कैदी हैं। उनके बीच जगह को लेकर संघर्ष न हो, इसलिए जेल प्रबंधन नजर बनाए हुए है।

इसलिए बने ये हालात
वर्ष १८३० में बनाई गई जिला जेल को १८३ साल बाद अपग्रेड करके वर्ष २०१३ में केंद्रीय जेल बना दिया गया। लेकिन सुविधाओं में खाने के बजट के अलावा कोई बढ़ोतरी नहीं की। जिला जेल में पहले विचाराधीन बंदियों को रखा जाता था। जिसके मुताबिक यहां सभी व्यवस्थाएं थी। केंद्रीय जेल होने से अब सजायाफ्ता कैदियों को भी रखा जाता है। इसी वजह से कैदियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह जेल २३ एकड़ में बनी है। इसमें चार बैरिक हैं।

कैदियों को रखने के लिए ये हो रहे इंतजाम
केंद्रीय जेल में 8 पुराने सेल हैं। जिन्हें खुलवाया जा रहा है। उनका इस्तेमाल बैरकों की तरह होगा। प्रत्येक बैरक में 6 से 7 कैदियों को रखा जा सकता है। इसके अलावा जेल में मौजूद पुराना प्रार्थना भवन का उपयोग बैरक की तरह करेंगे। जिसमें २०० से २५० कैदियों को रखा जा सकता है। इसके अलावा सेक्टर बॉल यानी बैरकों के बीच दीवार बनाने का प्रस्ताव जेल मुख्यालय भेजा है।
आय दिन होते हैं विवाद :

केंद्रीय जेल में कैदियों की संख्या ज्यादा होने पर कैदियों के बीच विवाद की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। जेल प्रबंधन के चौकस रहने के कारण यह छोटे-मोटे विवाद तत्काल सुलझा दिए जाते हैं। जिससे गंभीर रूप धारण नहीं कर पा रहे हैं।
& कैदियों की संख्या क्षमता से दोगुना बढ़ गई है। इससे आपसी विवाद की संभावना रहती है। बैरक में ऑइल पेंट से मार्किंग करके कैदियों को सुलाया जा रहा है। पुराने सेल और प्रार्थना भवन को बैरक बनाएंगे। जिससे यह समस्या खत्म होगी।
ऊषा राज, अधीक्षक केंद्रीय जेल, होशंगाबाद

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