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रीसाइकिल किए हुए पानी का नहीं हो रहा उपयोग

locationहोशंगाबादPublished: Feb 25, 2019 06:48:26 pm

Submitted by:

yashwant janoriya

प्लेटफार्म की सफाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइन को गई क्षतिग्रस्त

Damaged pipe line

Damaged pipe line

इटारसी. प्लटफार्म से निकलने वाले गंदे पानी को रीसाइकिल कर दोबारा उपयोग में लेने के लिए रेलवे ने दो प्लांट लगाए हैं। दोनों की प्लांट से रीसाइकिल के बाद गंदे पानी का उपयोग ट्रेनों की सफाई के साथ प्लेटफार्म की सफाई में करने की योजना थी। इसके लिए साइडिंग के साथ प्लेटफार्म पर पाइप लाइन बिछाई गई। हालांकि प्लेटफार्म पर बिछाई गई पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त होने से रीसाइकिल किए हुए पानी का उपयोग नहीं हो पा रहा है। आलम यह है कि प्लेटफार्म की सफाई के लिए कर्मचारी वाटरिंग लाइन से ही पानी लेते हैं। अधिकारियों की माने तो वाटरिंग लाइन से पानी लेना गलत है लेकिन रीसाइकिल लाइन के क्षतिग्रस्त होने से कर्मचारियों को मजबूरी में ऐसा करना पड़ता है।
फैक्ट फाइल
पहला प्लांट- डी केबिन के पास
वर्ष 2013 में प्रस्ताव भेजा
वर्ष 2014 में रेलवे ने दी मंजूरी
रेलवे ने स्वीकृत किए 1.17 करोड़ रूपए
दूसरा प्लांट- 12 बंगला क्षेत्र
दिसंबर 2017 में भेजा प्रस्ताव
मई 2018 में मिली स्वीकृति
रेलवे ने स्वीकृत किए 80 लाख रूपए
इनका कहना है
रीसाइकिल पानी का ही उपयोग करना चाहिए। वाटरिंग लाइन का पानी सिर्फ कोच और पेयजल के लिए है। इस संबंध में जानकारी ली जाएगी।
केसी गुप्ता, एसएसई, सीएंडब्ल्यू

श्रीमद् भागवत कथा शुभारंभ पर निकाली गई शोभायात्रा
इटारसी. श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन रविवार से शुरू हुआ। कथावाचक पंडित रमेश भाई ओझा द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराया जा रहा है।
भागवत कथा से पहले सुबह द्वारकाधीश बड़ा मंदिर से कलश शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कथा स्थल सूरजगंज पहुंची।
– सत्कर्म से मन विशुद्ध व सत्संग से बुद्धि देवमयी होती
प्रथम दिन कथा का वाचन करते हुए पंडित रमेश ओझा ने कहा कि प्रतिदिन सुबह और शाम को सत्कर्म व सत्संग जरूर करें। सत्कर्म से मन विशुद्ध होता है औश्र सत्संग से बुद्धि देवमयी होती है तभी जीवन में परम आनंद स्वरूप परमात्मा का प्राकट्य होता है। उन्होंने कहा कि जब तक हम किसी प्रकार की बुरी आदतों के गुलाम रहेंगे चाहे वह सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, शराब या अन्य कोई बुराई हो तब तक हमें किसी प्रकार का सांसारिक या अलौकिक सुख नहीं मिल सकता। महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं जो घरों में सौभाग्यवती सदा सुखी रहो जैसे आशीर्वाद देती है इसकी जगह महिलाओं को पति प्रिया भव आशीर्वाद देना चाहिए।

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