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रेलवे और एनएच के हिस्से में आ गई बस स्टैंड की जमीन

locationहोशंगाबादPublished: Jan 10, 2019 11:09:22 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

जमीन की कमी में अटका नया बस स्टैंड का निर्माण

patrika

Not made new bus stand

हरदा. नए बस स्टैंड की सुविधा लगातार लटक रही है। कई सालों से प्रस्तावित बसस्टेंड निर्माण में फिर एक पेंच फंस गया है। बसस्टेंड के लिए प्रस्तावित जमीन का कुछ हिस्सा रेलवे का है जबकि कुछ हिस्सा एनएच को दे दिया गया है। इससे जमीन कम पड़ गई है। नगर पंचायत ने अब दोबारा जमीन का नक्शा सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा है।
नगर से होशंगाबाद, भोपाल, बैतूल, रहटगांव, इंदौर सहित आसपास के वनग्रामों के लिए बड़ी संख्या में बसें संचालित की जाती हैं। रोजाना हजारों यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन यहां सुविधायुक्त बस स्टैंड नहीं है। यात्रियों को चबूतरे के नीचे धूप में बैठकर बसों का इतजार करना पड़ रहा है। नगर पंचायत द्वारा होशंगाबाद और रहटगांव रोड पर दो अस्थाई बस स्टंैड बनाए गए है। बड़ के पेड़ के नीचे चबूतरा बनाया गया है। यात्री बरसात, ठंड, गर्मी में चबूतरे पर ही बैठकर बसों का इतजार करते हंै। प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार द्वारा हरदा रोड पर स्थाई बस स्टैंड बनाने भूमि आवंटित की गई थी लेकिन इस जमीन पर पेंच फंस गया है। बस स्टैंड निर्माण के लिए शासन द्वारा जो जमीन नपं को दी गई थी उसमें से आधी जमीन एनएच में चली गई। शेष बची जमीन में से कुछ जमीन रेलवे के आधिपत्य की है। इस स्थिति में बस स्टंैड निर्माण के लिए जमीन कम पड़ रही है।
यात्री प्रतीक्षालयों में भी सुविधा नहीं
नगर परिषद द्वारा छोटे यात्री प्रतीक्षालय तो बना दिए गए हैं, लेकिन यहां सुविधाएं नहीं हंै। पर्याप्त जगह न होने के कारण यात्रियों को सड़क पर पेड़ के नीचे, दुकान पर खड़े होकर समय व्यतीत करना पड़ता है। कई बार तो यात्रियों को बेइज्जत भी होना पड़ता है, जब दुकानदार उन्हें यह कहकर हटा देते हैं कि यह कोई यात्री प्रतीक्षालय नहीं है।
बस स्टैंड चौराहे पर लगता है जाम
अस्थाई बस स्टैंड पर प्रतिदिन जाम की स्थिति बनी रहती है। बस स्टैंड स्टेशन चौराहा काफी व्यस्त चौराहा है। यहां चारों दिशाओं से वाहनों का आना जाना लगा रहता है। लगभग 70 से 80 गांव का जंक्शन होने के कारण यहां लोगों की भीड़ अधिक रहती है। नेशनल हाईवे होने के बावजूद यहां पर यातायात व्यवस्था सुचारु रुप से नहीं हो पा रही है। बस स्टैंड से 50 मीटर की दूरी पर रेलवे फाटक भी है। फाटक बंद होने पर वहां से गुजरने वाले वाहन खड़े रह जाते हैं। रेलवे पुलिया के पास जनपद पंचायत के सामने से जो अंडर ब्रिज निकाला गया है वहां भी 12 महीने पानी भरा रहता है।
इनका कहना है
बसस्टैंड निर्माण के लिए अब नया नक्शा बनाकर स्वीकृति हेतु शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
-हरिओम दोगने, उपयंत्री, नगर पंचायत टिमरनी।

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