——— इसलिए जरूरी है न्यूट्री कार्नर – आंगनबाड़ी में बच्चों को दिया जाने वाला भोजन आने में यदि देर हो रही है, भोजन देने के बाद भी बच्चों को भूख लग रही है तो उन्हें पूरक पोषण के रूप में मुरमुरा, गुड़, मूंगफली, फुटाने देने का निर्देश है। इसी वजह से आंगनबाडि़यों में न्यूट्री कार्नर बनाए गए।
———— १४ हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित- कुपोषण से जंग के लिए हर साल जिले में लाखों रुपए खर्च के बावजूद पिछले एक साल में १४७४१ बच्चे कुपोषण का शिकार हो गए। इनमें १७६९ बच्चे अति कुपोषित पाए गए।
———— सी-सेम क्लीनिक में इलाज – प्रदेश के ९ जिलों में सी-सेम कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें होशंगाबाद शामिल है। अतिगंभीर कुपोषित बच्चों को सी-सेम क्लीनिक में उपचार कर सामान्य स्थिति में लाया जाएगा।
———— हालात ०१ : सदर बाजार की आंगनबाड़ी २ में न्यूट्रीकार्नर बना था। यहां रखी मूंगफली के डिब्बे में फफूंद लगी मिली। कार्यकर्ता प्रीति यदुवंशी ने सफाई में कहा- हर सप्ताह बदलते हैं। पास खड़ी सहायिका ने कहा- डिब्बे में हवा घुसने से फफूंद लग जाती है, क्या करें।
———– हालात ०२ : सदर बाजार की आंगनबाड़ी नंबर १ में सीलिंग फेन के डिब्बे में न्यूट्रीकार्नर लिखा कागज चिपका मिला। कार्यकर्ता सुनीता पाल ने डिब्बा नीचे उतारा। बॉक्स में धूल जमा थी। भीतर प्लास्टिक के डिब्बे खाली थे। कहा- साफ-सफाई के लिए अभी खाली किया है।
———— हालात ०३ : कोठी बाजार वार्ड १४ की आंगनबाड़ी क्रमांक २ में न्यूटीकार्नर गायब था। पत्रिका का कैमरा देख कार्यकर्ता सुषमा राजपूत घर में गई हाथ में खाली डिब्बा और पॉलीथिन में मुरमुरा लेकर आई। कहा- सफाई के लिए डिब्बा खाली किया था। इसके बाद डिब्बे में मुरमुरा भरने लगी।
———— १७७१ आंगनबाडि़यों में है न्यूट्रीकार्नर- -परियोजना क्षेत्र -न्यूट्रीकार्नर -बाबई -२१७ -बनखेड़ी -१६० -होशंगाबाद -१६२ -होशंगाबाद शहरी -१३७ -इटारसी -१४४ -केसला -२४६ -पिपरिया -१८८ -सिवनीमालवा -३०९
-सोहागपुर -२०८ ———— जिले में कुपोषण की स्थिति- -वर्ष २०१७-२०१८ सामान्य वजन : ८२५७९ कुपोषित : १४७०६ अतिकुपोषित : २०२७ ————- वर्ष २०१८-२०१९ सामान्य वजन : ८६६५३
कुपोषित : १२९७२ अतिकुपोषित : १७६९ ———— इनका कहना है… कुपोषण कम करने लगातार मॉनीटरिंग और आंगनबाडि़यों की निगरानी की जा रही है। कार्यशाला के माध्यम से कार्यकर्ताओं को समझाइश देते हैं। इस व्यवस्था को भी दुरुस्त करेंगे।
-संजय त्रिपाठी, जिला अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग होशंगाबाद।