खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्रयोगशाला में अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा एवं टोंक जिलों से प्राप्त खाद्य पदार्थों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। मिलावटियों का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि उनके सामने आमजन का स्वास्थ्य बौना साबित हो रहा है। इन चारों जिलों के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की ओर से लिए गए सेम्पल ने विभागीय अधिकारियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
तम्बाकू, पान-मसाला व गुटखे के 100 फीसदी नमूने फेल अजमेर संभाग में लिए गए तम्बाकू उत्पाद के नमूनों की जांच में 100 फीसदी नमूने फेल पाए गए हैं। कुल चार नमूनों में से तीन की जांच हुई और तीनों फेल हो गए।
इन उत्पाद में मिलावट की स्थिति मसाला एवं पाउडर में 4 सेम्पल में से 3 की जांच हुई, तीनों फेल हुए। बटर, पनीर, आइस्क्रीम के 49 नमूनों में से 28 जांच में मिलावटी पाए गए। नमकीन एवं बैकरी उत्पाद में भी 22 नमूनों में से 8 मिलावटी पाए गए। चाय, कॉफी में भी 12 में से 11 नमूनों की जांच हुई, इनमें 6 नमूने मिलावटी पाए गए। खाद्य विश्लेषक करण सिंह के अनुसार सितम्बर की इस रिपोर्ट के अनुसार मिलावट का आंकड़ा बढ़ रहा है।
मिलावट प्रतिशत 100 प्रतिशत- मसाला 75 प्रतिशत- तम्बाकू-पान मसाला, गुटखा 57 प्रतिशत-दूध निर्मित उत्पाद बटर पनीर आदि 50 प्रतिशत- चाय, कॉफी 36 प्रतिशत-नमकीन, बैकरी उत्पाद 23 प्रतिशत-मिठाई आदि
25 प्रतिशत- मसाला पाउडर 25 प्रतिशत-दूध