संगठन मजबूत रहेगा, तब ही सरकार के खिलाफ जा पाएंगे
होशंगाबादPublished: Sep 04, 2019 11:33:38 pm
– एफडीआई के विरोध में शक्ति प्रदर्शन कल, रैली भी निकाली जाएगी
– पाथाखेड़ा क्षेत्र की सभी छह भूमिगत कोयला खदानों और रीजनल वर्कशॉप में हुई द्वारसभा
सारनी. भारत सरकार द्वारा कोयला खनन में 100 प्रतिशत एफएडीआई को मंजूरी प्रदान करने पर भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ ने बुधवार को पाथाखेड़ा क्षेत्र की खदानों पर दो-दो घंटे तक द्वारसभा कर सरकार के निर्णय का विरोध किया। साथ ही 6 सितंबर यानी की शुक्रवार को पुराना बाजार से लेकर मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय तक रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन करने का आह्वान किया। फिलहाल पाथाखेड़ा क्षेत्र में बीएमएस यूनियन द्वारा एफडीआई के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। हालांकि वेस्टर्न कोल फीलड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा क्षेत्र में कार्यरत पांचों केंद्रीय श्रमिक संगठन कोयला खनन में सौ फीसदी एफडीआई को मंजूरी के विरोध में है, लेकिन अब तक धरना व विरोध दर्ज करने जैसे आंदोलन को लेकर संयुक्त मोर्चा नहीं बना है। जिससे कोल कर्मी भी असमंजस की स्थिति में है कि भारत सरकार द्वारा कोयला के क्षेत्र में सौ फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी है और अब तक पांचों संगठनों का संयुक्त मोर्चा क्यों नहीं बना,जबकि सभी संगठन एफडीआई के विरोध में है। बहरहाल पहले-दूसरे दिन सीटू यूनियन ने विरोध दर्ज किया था।
कोयला उत्पादन हो रहा प्रभावित : एफडीआई के विरोध में वेकोलि पाथाखेड़ा क्षेत्र की सभी खदानों पर प्रतिदिन सुबह, शाम दो-दो घंटे गेट मीटिंग (द्वारसभा) होने से कोयला उत्पादन प्रभावित हो रहा है। दरअसल गेट मीटिंग के चलते कोल कर्मी समय पर खदान में नहीं पहुंच पाते।ऐसी स्थिति में कार्य देरी से प्रारंभ होने के बावजूद समय पर छुट्टी होने से उत्पादन प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि पाथाखेड़ा क्षेत्र की सभी खदानों से रोजाना करीब 5 हजार मीट्रिक टन कोयला उत्पादन होता है।
एकता की ताकत से ही शक्ति का अहसास होगा : भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ (बीएमएस) द्वारा सरकार की श्रम विरोधी नीतियों और कोयला के क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी के विरोध में 2 से 7 सितंबर तक आंदोलन का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रत्येक कोयला क्षेत्रों में तीनों पालियों में द्वारसभा कर जनजागरण चलाया जा रहा है। बुधवार को पाथाखेड़ा की सारनी माइन में विजय मिश्रा ने कहा जो सुविधा आज है वह कल नहीं रहेगी। संगठन मजबूत रहेगा। तब ही सरकार के खिलाफ जा पाएंगे। आगे हमे खदान का जाम करने पर मजबूर होना पड़ेगा। हमें आंदोलन करना है, लाठी नहीं चलाना है। 6 सितंबर को पुराना बाजार से जीएम ऑफिस तक धरना कर अपनी शक्ति का एहसास कराना होगा। एकता में ताकत होती है। जिसका परिचय देने का वक्त आ गया है।
कोल इंडिया है तो हम है : सारनी माइन में गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए संजय सिंह ने कहा यूनियन और मजदूर एक दूसरे की ताकत है। कोल इंडिया दयनीय स्थिति में है। एक विदेशी कंपनी ने पूरे देश पर राज किया और गुलाम बनाया। यह हमे समझने की जरूरत है। कोल इंडिया है तो हम है। गेट मीटिंग को राकेश सिंह, यूनिट अध्यक्ष गुलाब देशमुख, लाल सिंह, राधेश्याम, सुरेंद्र सिंह, मुन्नालाल पवांर ने भी संबोधित किया।