scriptयहां मिला आम खाने वाला बाघ! छिलके छोड़कर खा गया था आम की गुठलियां | pachamadhee mein mila aam khaane vaala baagh | Patrika News

यहां मिला आम खाने वाला बाघ! छिलके छोड़कर खा गया था आम की गुठलियां

locationहोशंगाबादPublished: Oct 20, 2019 11:51:39 am

Submitted by:

sandeep nayak

बाघों के वंशानुगत सम्बधों की जानकारी लेने के लिए नमूने लिए गए थे

यहां मिला आम खाने वाला बाघ! छिलके छोड़कर खा गया था आम की गुठलियां

यहां मिला आम खाने वाला बाघ! छिलके छोड़कर खा गया था आम की गुठलियां

जबलपुर/कहावत है कि बाघ भूखा रह जाएगा, लेकिन घास-फूस, फल नहीं खाएगा। लेकिन, यह कहावत सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के पचमढ़ी ईस्ट रेंज के बाघ ने गलत साबित कर दी है। डीएनए बेस मॉनिटरिंग प्रोजेक्ट में लिए सैम्पल में बाघ के आम खाने की पुष्टि हुई है। बाघ वनस्पति या आम जैसे फल खाते हैं या नहीं, इस पर अभी रिसर्च नहीं हुई है, लेकिन फोरेंसिक सैम्पल की जांच में वैज्ञानिक रूप से साबित हुआ है कि बाघ ने मांस के साथ आम की गुठलियों को खाया था।
राज्य वन अनुसंधान संस्थान (एसएफआरआई) के प्रोजेक्ट स्टडी ऑन टाइगर प्रजेंस एंड देयर डिसपर्सल मूवमेंट इन रातापानी खेवनी लैंड स्केप में बाघों के मूवमेंट का पता लगाने के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से सैम्पल लिए गए थे। प्रोजेक्ट के तहत पचमढ़ी और मटकुली रेंज में जून, 2019 में भोपाल शहर के आस-पास रातापानी, खेवनी सेंचुरी सहित इनसे जुड़े बाघ बहुल क्षेत्रों से 267 सैम्पल लिए गए थे।

जिस पेड़ के नीचे गुठली मिली, वहां आम के छिलके मिले
दो क्षेत्रों के बाघों के वंशानुगत सम्बधों की जानकारी के लिए सैम्पल लिए हैं। बाघ ने आम के छिलके को उगल दिया था। बाघ आम के साथ गुठली भी खा गया था। जिस पेड़ के नीचे गुठली मिली, वहां आम के साबुत छिलके मिले थे। इसके पहले उन्होंने कान्हा पेंच नेशनल पार्क के कॉरिडोर में डीएनए बेस मॉनिटरिंग रिसर्च कर 19 बाघ होने की पुष्टि की थी।
विष्ठा में मिली थी आम की गुठलियां
सभी सैम्पल को नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेस बैंगलूरु भेजा गया था। सैम्पल नम्बर एसटीआर 122 में बाघ की विष्ठा में आम की गुठलियां थीं। रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है।
विष्ठा, बाल, खून के लिए थे सैम्पल
प्रोजेक्ट के पीआई डॉ. मयंक मकरंद वर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत बाघों की विष्ठा, बाल, खून आदि के सैम्पल लिए जाते हैं। जिस सैम्पल में आम की गुठलियां मिली थीं, वह प्रथम दृष्टया बाघ का प्रतीत हो रहा था। सैम्पल की जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।

बाघ कोई तकलीफ होने पर असामान्य बर्ताव भी करता है
&बाघ मांसाहारी जानवर है। वह शिकार पर निर्भर रहता है। लेकिन, मिनरल्स, विटामिन की कमी या कोई तकलीफ होने पर असामान्य बर्ताव भी करता है। ऐसी स्थिति में वह वनस्पतियां और फल भी खा सकता है। आम की गुठली के अंदर वाले भाग में कृमिनाशक तत्व पाए जाते हैं। हालांकि फ्री रेंजिंग टाइगर पर अभी पर्याप्त स्टडी नहीं हुई है।
डॉ. केपी सिंह, वाइल्ड लाइफ बायोलॉजिस्ट, वेटरनरी यूनिवर्सिटी
डीएनए बेस टाइगर मॉनिटरिंग प्रोजेक्ट के सैम्पल में बाघ की विष्ठा में आम की गुठलियां मिली थीं। वैज्ञानिक रूप से इसकी पुष्टि हुई है। सीजन में बाघ आम खाते हैं या आम खाने वाला यह इकलौता बाघ है, यह रिसर्च का विषय है।
गिरिधिर राव, पीसीसीएफ, डायरेक्टर एसएफआरआई
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो