रमजान के तीन अशरे 1. पहला अशरा
रहमत का है। जिसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की बारिश करता है। यानि दस दिन तक अल्लाह की बेशुमार रहमतें बंदों पर नाजिल होती हैं।
2. दूसरा अशरा
मगफिरत का है। इस अशरे में अल्लाह मरहूमों की मगफिरत फरमाता है तथा रोजेदारों को उनके गुनाहों से आजाद करता है।
3. तीसरा अशरा
जहन्नुम से आजादी का होता है। तीसरे अशरे में अल्लाह अपने बंदों को जहन्नुम से निजात देता है।
रहमत का है। जिसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की बारिश करता है। यानि दस दिन तक अल्लाह की बेशुमार रहमतें बंदों पर नाजिल होती हैं।
2. दूसरा अशरा
मगफिरत का है। इस अशरे में अल्लाह मरहूमों की मगफिरत फरमाता है तथा रोजेदारों को उनके गुनाहों से आजाद करता है।
3. तीसरा अशरा
जहन्नुम से आजादी का होता है। तीसरे अशरे में अल्लाह अपने बंदों को जहन्नुम से निजात देता है।
शहर और देश की सलामती की दुआ करें
हालात को देखते हुए इस साल रमजान के महीने में अपने घरों पर ही इबादत करें, साथ ही नमाजे तरावीह भी घर पर अदा करें। शासन प्रशासन की बताई गाईलाइन का सख्ती से पालन करे। अपने शहर और देश की सलामती की दुआ करें।
मुफ्ती मो. अशरफ सा. कासमी, मालाखेड़ी मदरसा संचालक, होशंगाबाद
हालात को देखते हुए इस साल रमजान के महीने में अपने घरों पर ही इबादत करें, साथ ही नमाजे तरावीह भी घर पर अदा करें। शासन प्रशासन की बताई गाईलाइन का सख्ती से पालन करे। अपने शहर और देश की सलामती की दुआ करें।
मुफ्ती मो. अशरफ सा. कासमी, मालाखेड़ी मदरसा संचालक, होशंगाबाद