कॉम्पिटिशन को देखते हुए बेहतर शिक्षा
हर कंपनी अलग अलग रिक्वायरमेंट करती है। कोई एमबीए मांगता है तो कोई कुछ। इस कॉम्पिटिशन लेवल को देखते हुए शिक्षा का स्तर बेहतर होना चाहिए। ताकि आसानी से रोजगार मिल सके।
मोक्ष शर्मा, एबीवीपी अध्यक्ष
कॉलेज में रेग्युलर क्लासेस होना चाहिए। जिससें अच्छा नॉलेज मिल सके। क्योंकि सरकारी स्कूल में पढ़कर आए बच्चें पर ध्यान देने की जरूरत होती है।
रमाकांत चौहान, विद्यार्थी सुविधाओं से रूकेगा पलायन
हमारे शहर में सुविधा नही मिलने के कारण युवा पलायन करता है। अगर बड़े शहर की तर्ज पर हमारी शहर की शिक्षा व्यवस्था को नए नए तकनीक से सुधारा जाए तो पलायन नहीं करना पड़ेगा। जिसपर शिक्षक और विद्यार्थियों को ध्यान देना है।
रितु सोनी, कॉलेज मंत्री
बड़े शहरों में पढ़कर आ रहे युवाओं को हमारे शहर में रोजगार दिया जाता है। जिससें हमारे शहर का युवा बेरोजगार घूमता है। बड़े शहरों में जो तकनीक लागू होती है। वहीं हमारे यहां हो।
रितीक नामदेव, विद्यार्थी एसएससी
पर्सनालिटी डेवलपेंट और कम्यूनिकेशन स्किल की कमी सें कंपनी नहीं करती कॉल। कंपनी कई इंटरव्यूह लेती है। बायोडाटा लेती है। लेकिन बाद में इंतजार करते रहते है कॉल नहीं आता।
अमित सिंह, विद्यार्थी
श्रीकांत चौधरी, विद्यार्थी कॉम्पटिशन बडऩे के कारण अग्रेंजी शिक्षा की मान्यता ज्यादा है। सरकारी स्कूलों में ऐसी सुविधा नहीं। जिससें आगे जाकर प्लेसमेंट मिलने में बहुत दिक्कते आती हैं। अलग से एक कक्षा होनी चाहिए जिसमें नौकरी, रोजगार के बारे में बताया जाए।
जयप्रकाश केवट, विद्यार्थी