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दुकानें बंद रहने से दवाओं के लिए भटके मरीजों के परिजन

locationहोशंगाबादPublished: Sep 28, 2018 11:15:13 pm

जिला केमिस्ट एसोसिएशन ने प्रशासन को ज्ञापन दिया

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दुकानें बंद रहने से दवाओं के लिए भटके मरीजों के परिजन

हरदा. ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्टस् एण्ड ड्रगिस्टस् के आह्वान पर शुक्रवार को जिले की दवा दुकानें बंद रहीं। इस दौरान मरीजों के परिजन जरूरी दवाओं के लिए इस दुकान से उस दुकान पर भटके। हालांकि इमरजेंसी सर्विस के तौर पर खुली रखी गई दुकानों से उन्हें दवाएं मिल गई। व्यापारियों ने दिनभर दुकानें बंद रखी। इस दौरान जिला केमिस्ट एसोसिएयशन की ओर से संयुक्त कलेक्टर प्रियंका गोयल को ज्ञापन भी दिया गया।
संगठन का कहना है कि ऑनलाइन दवा व्यापार के विरोध में स्वास्थ्य से खिलवाड़ की रोकथाम व दवाओं अभाव को रोकने के लिए ऐसा किया गया। दवा विक्रेताओं की आजीविका की सुरक्षा, फार्मासिस्ट से पेशेंट कॉउंसिलिंग को जारी रखने व अनैसर्गिक प्रतिस्पर्धा के विरोध के लिए आयोजित आंदोलन के दौरान उन दवा दुकानों से इमरजेंसी में दवाईयां दी गई जो अस्पताल और नर्सिंग होम में स्थित हैं। जिला केमिस्ट एसोएिसशन ने इसके लिए ऐसी 13 दुकानों को चिह्नित की थी। इन दुकानदारों के मोबाइल नंबर भी जारी किए गए थे, ताकि इमरजेंसी में मरीज के परिजनों को परेशान न होना पड़े।
दवाओं के लिए परेशान हुए लोग
सिराली. ऑनलाइन दवाइयों की खरीदी के विरोध में शुक्रवार को मेडिकल दुकान संचालकों ने अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध जताया। मेडिकल व्यवसाई चंद्रकांत अग्रवाल ने बताया कि पूरे देश के साथ हमारे द्वारा भी ऑनलाइन फार्मेसी के विरोध में दुकानें बंद रखी गईं। दुकानें बंद रहने से ग्रामीणों को दवाइयों के लिए परेशान होना पड़ा।
स्टाक रजिस्टर में दवाओं की जितनी मात्रा दर्ज थी उसकी स्टोर रूम में नहीं मिली
हरदा. जिला अस्पताल के स्टोर रूम में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। कलेक्टर एस. विश्वनाथन द्वारा गठित प्रशासनिक अधिकारियों के दल ने शुक्रवार को यहां कई अनियमितताएं पाईं। इसके बाद कलेक्टर विश्वनाथन ने स्टोर कीपर संजय खातरकर को निलंबित कर विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।
जांच दल में शामिल डिप्टी कलेक्टर अंकिता त्रिपाठी, चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोनू चौरे, नायब तहसीलदार अनुराग उइके तथा सहायक ग्रेड 2 जीपी राठौर ने जांच के दौरान दवाओं के भौतिक सत्यापन के मिलान में अंतर पाया। उनका रखरखाव भी ठीक ढंग से नहीं मिला। जांच दल ने जब दवाओं के मांग और वितरण की जानकारी मांगी तो स्टोर कीपर खातरकर यह उपलब्ध नहीं करा सके। वे यह भी नहीं बता सके कि संस्थाओं ने कितनी दवाएं मांगी और उन्हें कब कितनी दी गई। शाम को जांच दल ने कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद कलेक्टर ने स्टोर कीपर को निलंबित किया। उन्होंने उक्त दल को विस्तृत जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। इसके अलावा स्टोर कीपर के खिलाफ नियमानुसार आरोप पत्र तैयार कर कार्रवाई करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए है। आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि जांच में अन्य जो भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
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