ग्राहकों ने यूं जताई नाराजगी
यह कैसी सरकार और व्यवस्था है कि अंबानी और आम मध्यमवर्गीय लोगों को पेट्रोल के एक जैसे दाम चुकाने पड़ रहे हैं। ऑटो चलाना भी मुश्किल हो गया है। सवारियां में भी बाजिव किराया नहीं देती। ऐसे ही दाम बढ़े तो ऑटो घर में खड़ा करना पड़ेगा। गरीबों के लिए सस्ते राशन की भांति पेट्रोल-डीजल मिलना चाहिए।
-दीपक मौर्य, ऑटो चालक आदर्श नगर
ईंधन के बढ़ते का प्रभाव सीधे तौर पर मध्यम वर्गीय नौकरी-पेशा परिवारों पर पड़ रहा है। घर का बजट बिगड़ गया है। महंगे पेट्रोल खरीदकर दुपहिया वाहन चलाना भी मुश्किल हो रहा। कहीं भी आने-जाने के लिए दस बार सोचना पड़ता है। सरकार को गरीब-मध्यमवर्गीय लोगों के लिए अलग से रेट का स्लेब बनाना चाहिए।
-अतुल व्दिवेदी, नौकरीपेशा, शनिचरा वार्ड
किसानों को खेती के लिए डीजल-पेट्रोल दोनों की सबसे अधिक जरूरत होती है, लेकिन रेट इतने बढ़ गए हैं कि खेती घाटे का सौदा होती जा रही है। चुनाव के बाद ही ईंधन के दाम क्यों बढ़ते हैं। केंद्र सरकार को किसानों के लिए डीजल-पेट्रोल में जल्द ही रियायत देनी चाहिए। आम आदमी को भी इसमें राहत मिले।
-कृष्ण कुमार पांडे, किसान काजलखेड़ी (बाबई)
पेट्रोल-डीजल खरीदना मुश्किल हो रहा है। दाम आसमान छू रहे हैं। कर्नाटक चुनाव के पहले तो रेट नियंत्रण में थे, चुनाव के बाद बढ़ोतरी क्यों हो रही है। जनता में भारी आक्रोश है। केंद्र सरकार को बढ़ते रेट पर नियंत्रण लगाना चाहिए।
-अखिलेश गुरु , निवासी हाऊसिंग बोर्ड
यह कैसी सरकार और व्यवस्था है कि अंबानी और आम मध्यमवर्गीय लोगों को पेट्रोल के एक जैसे दाम चुकाने पड़ रहे हैं। ऑटो चलाना भी मुश्किल हो गया है। सवारियां में भी बाजिव किराया नहीं देती। ऐसे ही दाम बढ़े तो ऑटो घर में खड़ा करना पड़ेगा। गरीबों के लिए सस्ते राशन की भांति पेट्रोल-डीजल मिलना चाहिए।
-दीपक मौर्य, ऑटो चालक आदर्श नगर
ईंधन के बढ़ते का प्रभाव सीधे तौर पर मध्यम वर्गीय नौकरी-पेशा परिवारों पर पड़ रहा है। घर का बजट बिगड़ गया है। महंगे पेट्रोल खरीदकर दुपहिया वाहन चलाना भी मुश्किल हो रहा। कहीं भी आने-जाने के लिए दस बार सोचना पड़ता है। सरकार को गरीब-मध्यमवर्गीय लोगों के लिए अलग से रेट का स्लेब बनाना चाहिए।
-अतुल व्दिवेदी, नौकरीपेशा, शनिचरा वार्ड
किसानों को खेती के लिए डीजल-पेट्रोल दोनों की सबसे अधिक जरूरत होती है, लेकिन रेट इतने बढ़ गए हैं कि खेती घाटे का सौदा होती जा रही है। चुनाव के बाद ही ईंधन के दाम क्यों बढ़ते हैं। केंद्र सरकार को किसानों के लिए डीजल-पेट्रोल में जल्द ही रियायत देनी चाहिए। आम आदमी को भी इसमें राहत मिले।
-कृष्ण कुमार पांडे, किसान काजलखेड़ी (बाबई)
पेट्रोल-डीजल खरीदना मुश्किल हो रहा है। दाम आसमान छू रहे हैं। कर्नाटक चुनाव के पहले तो रेट नियंत्रण में थे, चुनाव के बाद बढ़ोतरी क्यों हो रही है। जनता में भारी आक्रोश है। केंद्र सरकार को बढ़ते रेट पर नियंत्रण लगाना चाहिए।
-अखिलेश गुरु , निवासी हाऊसिंग बोर्ड