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‘अंबानी को महंगा और हमें राशन की तरह सस्ता पेट्रोल-डीजल दें मोदी’

locationहोशंगाबादPublished: May 23, 2018 04:00:34 pm

लोगों ने की अनौखी मांग, बोले- गरीबों के लिए यह भी लाएं सब्सिडी के दायरे में

होशंगाबाद। पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि से अब लोगों की सब्र का बांध गया है। इसके दामों पर अंकुश लगाने में नाकाम नरेंद्र मोदी सरकार से लोगों ने अनौखी मांग कर डाली। उनका कहना है कि अंबानी जैसे उद्योगपतियों और अमीरों को महंगा पेट्रोल-डीजल दिया जाए और गरीबों को राशन की तरह सस्ता। पत्रिका ने बढ़ते दामों पर लोगों से उनकी राय जाने तो एेसे-एेसे सुझाव आए।
दाम छू रहे आसमान
इस सप्ताह पेट्रोल-डीजल के दामों में सबसे उच्चतम बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार को होशंगाबाद में सादा पेट्रोल 82.31 रुपए व डीजल 71.51 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया। ज्ञात रहे कि नौ जनवरी को पेट्रोल के दाम 75.39 रुपए प्रति लीटर थे, जो बढ़कर अब 82.31 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। स्पीड पॉवर पेट्रोल का दाम 85.29 रुपए प्रतिलीटर हो गया।
डीजल-पेट्रोल के दाम बढऩे से लोग नाराज
लगातार पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफे से लोग भी नाराज हैं। इससे उनका पूरा बजट गड़बड़ा रहा है। पत्रिका ने पंप पर आए एेसे ही ग्राहकों से चर्चा की तो उनका दर्द झलक पड़ा।
ग्राहकों ने यूं जताई नाराजगी
यह कैसी सरकार और व्यवस्था है कि अंबानी और आम मध्यमवर्गीय लोगों को पेट्रोल के एक जैसे दाम चुकाने पड़ रहे हैं। ऑटो चलाना भी मुश्किल हो गया है। सवारियां में भी बाजिव किराया नहीं देती। ऐसे ही दाम बढ़े तो ऑटो घर में खड़ा करना पड़ेगा। गरीबों के लिए सस्ते राशन की भांति पेट्रोल-डीजल मिलना चाहिए।
-दीपक मौर्य, ऑटो चालक आदर्श नगर
ईंधन के बढ़ते का प्रभाव सीधे तौर पर मध्यम वर्गीय नौकरी-पेशा परिवारों पर पड़ रहा है। घर का बजट बिगड़ गया है। महंगे पेट्रोल खरीदकर दुपहिया वाहन चलाना भी मुश्किल हो रहा। कहीं भी आने-जाने के लिए दस बार सोचना पड़ता है। सरकार को गरीब-मध्यमवर्गीय लोगों के लिए अलग से रेट का स्लेब बनाना चाहिए।
-अतुल व्दिवेदी, नौकरीपेशा, शनिचरा वार्ड
किसानों को खेती के लिए डीजल-पेट्रोल दोनों की सबसे अधिक जरूरत होती है, लेकिन रेट इतने बढ़ गए हैं कि खेती घाटे का सौदा होती जा रही है। चुनाव के बाद ही ईंधन के दाम क्यों बढ़ते हैं। केंद्र सरकार को किसानों के लिए डीजल-पेट्रोल में जल्द ही रियायत देनी चाहिए। आम आदमी को भी इसमें राहत मिले।
-कृष्ण कुमार पांडे, किसान काजलखेड़ी (बाबई)
पेट्रोल-डीजल खरीदना मुश्किल हो रहा है। दाम आसमान छू रहे हैं। कर्नाटक चुनाव के पहले तो रेट नियंत्रण में थे, चुनाव के बाद बढ़ोतरी क्यों हो रही है। जनता में भारी आक्रोश है। केंद्र सरकार को बढ़ते रेट पर नियंत्रण लगाना चाहिए।
-अखिलेश गुरु , निवासी हाऊसिंग बोर्ड
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