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पितृपक्ष में नए काम और यह खरीदना अशुभ नहीं होता, इससे होते है प्रसन्न

locationहोशंगाबादPublished: Sep 18, 2019 05:40:46 pm

Submitted by:

poonam soni

गलत मानसिकता भ्रांति हैं पितृपक्ष के बारे में, अशुभ और अमंगलकारी नहीं पितृ

पितृपक्ष में नए काम और यह खरीदना अशुभ नहीं होता, इससे होते है प्रसन्न

पितृपक्ष में नए काम और यह खरीदना अशुभ नहीं होता, इससे होते है प्रसन्न

होशंगाबाद/ श्राद्ध पक्ष की शुरूआत हो गई है। इस दिन श्राद्ध पक्ष को लेकर लोगों में यह गलत धारणा बनी हुई कि यह अशुभ समय होता है। इस दौरान कोई नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए। इन दिनों नई चीज खरीदने से पितर नाराज होते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि पितर पक्ष में खरीदी गयी चीजें पितरों को समर्पित होता है जिसका उपयोग करना अनुचित है क्योंकि वह प्रेत का अंश होता है। आचार्यो के अनुसार हम बता दें कि इन दिनों कोई भी नई चीजे खरीदना अशुभ नहीं माना गया है। इन तर्पण के समय 16 दिनों में अनैतिक, आपराधिक, अमानवीय और हर गलत कार्य से बचना चाहिए न कि शुभ और अपवित्र कार्यो से के लिए अन्य दिनों से अधिक शुभ माना जाता है।
गलत मानसिकता भ्रांति हैं पितृपक्ष के बारे में
पितृपक्ष के इन 16 दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन संस्कार, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं। इतना ही नहीं, श्राद्ध पक्ष में नई वस्तुओं की खरीद को भी वर्जित किया गया है। इस मानते हैं कि इन 16 दिनों में नया मकान, वाहन आदि का क्रय नहीं करना चहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 16 दिनों तक चलने वाला पितृ पक्ष श्राद्ध का मृत्यु से संबंध होता है, इसलिए श्राद्ध पक्ष को शुभ नहीं माना जाता है। जिस प्रकार हम अपने परिजनों की मृत्यु पर शोकाकुल रहते हैं, शुभ और मांगलिक कार्यों नहीं करते हैं, ठीक वैसे ही पितृ पक्ष में होता है।
अशुभ ओर अमंगलकारी नहीं पितृपक्ष
श्राद्घ पक्ष को अशुभ मनाना उचित नहीं है क्योंकि श्राद्घ पक्ष गणेश चतुर्थी और नवरात्र के बीच आता है। हमारे समाज में यह बहुत बड़ी भ्रांति या गलतफहमी फैली हुई हैं की पितृपक्ष में शुभ कार्य या खरीददार नही करनी चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसा
किसी भी शुभ काम की शुरूआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इस आधार पर देखा जाए तो श्राद्घ पक्ष अशुभ नहीं है। श्राद्घ पक्ष में पितर पृथ्वी पर आते हैं और वह देखते हैं कि उनकी संतान किस स्थिति में हैं। परिवार के पितर द्वारा उनकी संतान या वंशज द्वारा नई चीज खरीदने पर खुश होती है क्योंकि उन्हें पता चलता है कि उनकी संतान सुखी हैं।
नई चीज खरीदने से होता है शुभ
पितर पक्ष में नई चीज खरीदना शुभ तब नहीं होता है जब आप नई चीजें खरीदते हैं और उसमें मस्त हो जाते हैं। अपनी खुशियों के साथ पितरों का ध्यान भी करें तो श्राद्घ पक्ष में खरीदारी करने में कोई बुराई नहीं है। नई कार, बाईक, घर, ज्वैलरी आदि हमारी उन्नति और खुशी देख हमारे पूर्वज भी जरूर खुश होंगे और श्राद्ध का असली मकसद पूरा होगा वहीं दूसरी ओर कंपनियों द्वारा इस मौके दिये जाने वाले ढेरों ऑफर्स से भी फायदा हो जाएगा।

जमकर उठाए इन दिनों का लाभ
सभी क्षेत्र में व्यापार की गति बढ़ाने के लिए श्राद्घ पक्ष में व्यापारियों की तरफ से कई बेहतरीन ऑफर दिये जाते हैं। अगर आप इस ऑफर का लाभ उठाना चाहते हैं तो मन से सभी प्रकार के शंका आशंका ओर अशुभ विचारों को निकाल दीजिए और जमकर खरीदारी कीजिए। ऐसा हम इस आधार पर कह रहे हैं क्योंकि वैदिक ज्योतिष विज्ञान में कहा गया है कि शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से किसी प्रकार का दोष नहीं लगता है।
यह रहे शुभ मुहुर्त
18 सिंतबर को सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा जो दूसरे दिन सूर्योदय के पहले तक रहेगा। वहीं 21 सितंबर 2019 को रवि योग सूर्योदय से शाम 6.10 बजे तक बन रहा है। 22 को रवि योग सूर्योदय से शाम 4.32 बजे तक रहेगा। 24 सितम्बर 2019 को रवि योग भी होने से यह दिन खरीदारी एवं नया काम शुरू करने के लिए भी उत्तम है। 25 सितम्बर को सर्वार्थसिद्धि योग और 26 को दोपहर 3.03 तक रहेगा। 27 सितम्बर 2019 को सुबह 6.21 से शाम 4 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा।
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