चाय सुट्टा बार के दीवाने यंगस्टर्स
शहर में अनेकों जगहों पर चाय के लिए लाइनें लगतीं हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से शहर के यंगस्टर्स चाय सुट्टा बार के ज्यादा दीवाने हो गए है। युवक सौरभ बतातें है कि आजकल युवकों में चाय का ज्यादा चसका है। इसमें कई सारी वैरायटी मिलती है। जैसे चॉकलेटी चाय, जिंजर टी, इलायची, लॉग टी, कुल्लड टी, तंदूरी टी जैसी कई सारी फ्लेवर में चाय मिलती है। इसलिए लोग इसे ज्यादा पसंद करने लगे हैं।
-चाय में टैनिन व कैफीन होता है जो शरीर में फुर्ती देता है।
-एल थिएनाइन अमीनो एसिड दिमाग को अलर्ट रखता है।
-चाय में मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
-लेमन टी से एंटी ऑक्सिडेंट को बॉडी एब्जॉर्ब कर लेती है।
-एसीडिटी
-आयरन एब्जॉर्ब करने की छमता में कमी।
-चाय में कैफीन की लत लगने की संभावना।
-भूख मरना।
-वजन कम होना।
-पेट की समस्या बनी रहना।
-एसिडिटी होने पर हार्ट बर्न की समस्या पैदा हो सकती है।
डॉक्टर का कहना है कि प्लास्टिक के कप में गर्म चाय पीने से मेट्रो सेमिन, बिस्फिनोल ए और बर्ड इथाइल डेक्सिन नामक केमिकल शरीर में पहुंच जाते हैं। यह कैमीकल शरीर में घातक असर डालते हैं और कैंसर तक के चांस बढ़ जाते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए यह बढ़ा खतरा हो सकता है। लोगों की समझने की शक्ति भी छींण हो सकती है। केमिकल से हार्मोनल इनबेलेंस के कारण अल्सर, लीवर, किडनी से संबंधित बीमारियां भी बढ़ जाती हैं।