मजदूरों का लगभग तीन करोड़ रुपए अटका
अपर मुख्य सचिव के पत्र से हुआ खुलासा, जनपद पंचायतों को दिया नोटिस होशंगाबाद. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बनने वाले १८६४८ पीएम आवास के मजदूरों का लगभग तीन करोड़ रुपए अटका है। इस बात का खुलासा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के पत्र से हुआ है। पत्र मिलने के बाद विभाग की नींद उड़ गई है। मामले में जिला पंचायत ने जिले के सभी जनपद पंचायतों को नोटिस थमा दिया है। जानकारी मांगी गई है कि मनरेगा के मजदूरों का किस वजह से कितना भुगतान अटका है। उल्लेखनीय है कि वर्ष २०१६ से अब तक ३७२८६ पीएम आवास स्वीकृत किए गए। इनमें से २००५६ पूर्ण हैं। १३७२३ बन रहे हैं, जबकि ३५०७ का निर्माण कार्य अभी शुरू ही नहीं कराया गया।
पत्र में यह कहा : जिले में वर्ष २०१६-१७, २०१७-१८, २०१८-१९ के कुल १८६४८ कार्य ऐसे हैं जिनमें ९० दिवस की मजदूरी का भुगतान किया जाना है। इनमें ४०६६ कार्य ऐसे हैं जिनमें एक भी मस्टररोल जारी नहीं कराया गया है। पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन हेतु प्रिदाय की गई किश्त के आधार पर मजदूरी भुगतान किया जाए।
विभाग का अनुमान : मनरेगा में प्रत्येक मजदूर को १७४ रुपए दिन मजदूरी दी जाती है। विभाग ने अनुमान लगाया है कि यदि १८६४८ कामों में पांच मजदूर से यदि दो दिन भी काम कराया गया है तो ३ करोड़ २४ लाख ४७ हजार ५२० रुपए की मजदूरी बनती है।
विभाग का अनुमान : मनरेगा में प्रत्येक मजदूर को १७४ रुपए दिन मजदूरी दी जाती है। विभाग ने अनुमान लगाया है कि यदि १८६४८ कामों में पांच मजदूर से यदि दो दिन भी काम कराया गया है तो ३ करोड़ २४ लाख ४७ हजार ५२० रुपए की मजदूरी बनती है।