1 से 5 अक्टूबर के बीच सतपुड़ा पॉवर हाउस के 4 नंबर प्लांट में ईओटी क्रेन का केबल चोरी हो गया। मामला जब उजागर हुआ तो मुख्य अभियंता द्वारा कार्य पर मौजूद दो संयंत्र सहायकों को निलंबित कर दिया। इससे पॉवर इंजीनियर्स समेत पॉवर हाउस में कार्यरत अधिकांश संगठनों में कंपनी प्रबंधन के प्रति नाराजगी सामने आई। हालांकि पॉवर इंजीनियर्स के अलावा कोई भी दूसरा संगठन कार्रवाई के विरोध में सामने नहीं आया। बिजली उत्पादन कर्मचारी संघ (बीएमएस) के प्रदेश अध्यक्ष गणेश ने कार्रवाई का जरूर विरोध किया है। उन्होंने पत्रिका से चर्चा में कहा था कि प्रबंधन ने अपनी नाकामी छुपाने संयंत्र सहायकों को निलंबित किया है। जबकि उनकी कोई गलती नहीं है।
पॉवर इंजीनियर्स एण्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन के क्षेत्रीय सचिव जगदीश साहू ने बताया कि काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करने और सभी थर्मल पॉवर स्टेशनों में एमडी के नाम ज्ञापन सौंपने के बावजूद निलंबन वापस नहीं लिया गया तो कार्यकारिणी की बैठक कर चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। फिलहाल सभी पॉवर स्टेशनों में मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के एमडी के नाम ज्ञापन सौंपने की तैयारी है। इसके अलावा काली पट्टी बांधकर मंगलवार से सभी पॉवर इंजीनियर्स आंदोलन पर रहेंगे। जगदीश साहू ने बताया कि चीफ इंजीनियर ने चर्चा में बताया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट एमडी को भेज दी गई है। साथ ही इस मामले की जांच करने एमपीपीजीसीएल सुरक्षा विभाग के आईजी भी आने वाले हैं।
पॉवर इंजीनियर्स समेत सतपुड़ा में कार्यरत श्रमिक संगठनों का मानना है कि सतपुड़ा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सुरक्षा विभाग और एसआईएसएफ की है। जिस रात पीएच-फोर की 10 व 11 नंबर ईओटी क्रेन का केबल चोरी हुआ। उस रात सुरक्षा में तैनात कर्मचारी और जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित किया जाए। लेकिन प्रबंधन ने अपनी नाकामी छुपाने संयंत्र सहायकों को निलंबित किया है। जबकि प्लांट की चौकसी के लिए चारों ओर बाउंड्रीवाल के अलावा एसआईएसएफ, एसएफ, सुरक्षा विभाग के जवानों के अलावा निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी कार्यरत है। बावजूद इसके चोरी होना सुरक्षा में बड़ी चूक है और इसके लिए सुरक्षा एजेंसी जिम्मेदार है। कार्रवाई नहीं होने से नाराजगी बढ़ रही है।