यहां है वर्चस्व की लड़ाई
एसटीआर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बांधवगढ़ में करीब 120 बाघों की मौजूदगी है, जंगल का क्षेत्र कम होने के कारण वहां पर बाघों के बीच वर्चस्व की लड़ाई की संभावनाएं काफी बढ़ी है। एेसे में बांधवगढ़ से देश के अलग-अलग टाइगर रिजर्व में टाइगर भेजे जा रहे हैं। जिसमें से दो एसटीआर के हिस्सों में आए हैं।
स्व की लड़ाई मारे गए 46 बाघ
बांधवगढ़ में टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1536 वर्ग किमी है, जिसमे बाघों के लिए सघन कोर जंगल महज 694 वर्ग किमी बताया जाता है। इसमें बांकी का हिस्सा बफर जोन का है जिसके कारण टैरोटिरि फाइट की घटनाएं बढ़ी हैं। इसके कारण दस वर्षों में 46 बाघों की मौत की पुष्टि भी हुई है। ऐसे में टैरोटिरि फाइट को घटाने के लिए बाघों को शिफ्ट किया जा रहा है। एसटीआर का जंगल करीब 1 लाख 34 हजार हेक्टेयर के जंगलों में फैला हुआ है। यहां 100 बाघों के रहने की क्षमता है।
बांधवगढ़ में टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1536 वर्ग किमी है, जिसमे बाघों के लिए सघन कोर जंगल महज 694 वर्ग किमी बताया जाता है। इसमें बांकी का हिस्सा बफर जोन का है जिसके कारण टैरोटिरि फाइट की घटनाएं बढ़ी हैं। इसके कारण दस वर्षों में 46 बाघों की मौत की पुष्टि भी हुई है। ऐसे में टैरोटिरि फाइट को घटाने के लिए बाघों को शिफ्ट किया जा रहा है। एसटीआर का जंगल करीब 1 लाख 34 हजार हेक्टेयर के जंगलों में फैला हुआ है। यहां 100 बाघों के रहने की क्षमता है।
1500 हेक्टेयर तक होता है इलाका
एक बाघ की 15 सौ हेक्टेयर तक का इलाका होता है। यह उस बाघ की होती है, जो काफी ताकतवर होता है। हालांकि 8 सौ तक एक बाघ का इलाका होता है। अभी एसटीआर के जंगलों में करीब 50 बाघों की मौजूदगी है। जोकि दो बाघों के आने के बाद बढ़ जाएगी।
एक बाघ की 15 सौ हेक्टेयर तक का इलाका होता है। यह उस बाघ की होती है, जो काफी ताकतवर होता है। हालांकि 8 सौ तक एक बाघ का इलाका होता है। अभी एसटीआर के जंगलों में करीब 50 बाघों की मौजूदगी है। जोकि दो बाघों के आने के बाद बढ़ जाएगी।
इनका कहना है….
दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक बाघों को एसटीआर में शिफ्ट कर लिया जाएगा, इसकी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। वहीं मादाओं के गर्भवती होने के बाद भी बाघों की संख्या बढ़ेगी।
एसके सिंह, संचालक एसटीआर होशंगाबाद