सिंचाई विभाग नहीं कर पाया बैठक, तीसरी मूंग फसल की तैयारियां अटकी
होशंगाबादPublished: Feb 22, 2020 09:12:03 pm
ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए तवा बांध की नहरों से मिलना है पानी,कृषि विभाग के पत्र भेजने के बाद भी बैठक की तिथि तय नहीं, सिंचाई विभाग कह रहा बांध से 50 हजार हैक्टेयर में देंगे पानी
उनियारा क्षेत्र में पीला मोजेक रोग से ग्रसित मूंग उड़द के खेत।
होशंगाबाद. ग्रीष्मकालीन तीसरी फसल मूंग के लिए सिंचाई विभाग जल उपयोगिता समिति की बैठक ही नहीं कर पा रहा, जबकि इस संबंध में कृषि विभाग 11 फरवरी को कलेक्टर के हवाले से पत्र लिख चुका है। बैठक 16 फरवरी को होनी थी, लेकिन पांच दिन बाद भी तिथि ही तय नहीं हो सकी है। इस वजह से मूंग फसल तैयारियों में देरी हो रही है। होशंगाबाद जिले में करीब दो लाख हैक्टेयर में ग्रीष्मकालीन मूंग का रकबा रहेगा, लेकिन सिंचाई अधिकारी होशंगाबाद और हरदा दोनों जिलों को मिलाकर 50 हजार हैक्टेयर में नहरों से पानी देने की बात कह रहे हैं। नहरें 25 मार्च से चालू होनी है।
हरदा में हो चुकी बैठक, मांगा 2250 क्यूसिक पानी
हरदा जिले में 19 फरवरी को जल उपयोगिता समिति की बैठक हो चुकी है, जिसमें किसानों ने ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए तवा डेम से 2250 क्यूसिक पानी मांगा है। गेहूं फसल के लिए डेम से 50 फीसदी पानी मिला है, शेष 45 फीसदी पानी ग्रीष्मकालीन मूंग में किसानों को देने के लिए बचेगा। इस हिसाब से डिजाइन डिस्चार्ज के अनुसार 45 सौ क्यूसेक पानी प्रतिदिन के हिसाब से 45 दिन तक मूंग हेतु नहरों में पानी जिसमें आरबीसी को 1170 एवं एलबीसी को 1080 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने की मांग की रखी गई। पानी 25 मार्च से नहरों में छोड़ा जाए।
होशंगाबाद की तैयारियां अधूरी
जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग फसल की तैयारियों में देरी हो रही है। कृषि उप संचालक जितेंद्र सिंह तवा परियोजना मंडल को 11 फरवरी को पत्र भेजकर जल उपयोगिता समिति की बैठक में जल्द निर्णय लेने की बात कह चुके हैं, 19 फरवरी तक बैठक नहीं होने पर दोबारा पत्र भेजा है। 20 फरवरी को भी बैठक की तिथि तय नहीं हुई। इस वजह से बीज व्यवस्था व अतिरिक्त लक्ष्य तय नहीं हो पा रहा है।