यह होगा प्रक्रिया में…
आंगनवाडी केंद्र को गोद लेने के बाद फर्म आंगनवाडियों का सुदृढीकरण और सेवाओं का उन्नयनीकरण कर सकेगा। इसके तहत आंगनवाडी भवन के लिए परिसर या भूमि, नवीन आंगनवाडी भवन का निर्माण, अतिरिक्त कक्ष का निर्माण, बाउंड्रीवॉल, बाल सुलभ शौचालय का निर्माण, भवन की मरम्मत, सोलर पेनल/विधुतीकरण की स्थापना, किचन/किचनशेड, पोषण वाटिका निर्माण किया जा सकेगा।
आंगनवाडी केंद्र को गोद लेने के बाद फर्म आंगनवाडियों का सुदृढीकरण और सेवाओं का उन्नयनीकरण कर सकेगा। इसके तहत आंगनवाडी भवन के लिए परिसर या भूमि, नवीन आंगनवाडी भवन का निर्माण, अतिरिक्त कक्ष का निर्माण, बाउंड्रीवॉल, बाल सुलभ शौचालय का निर्माण, भवन की मरम्मत, सोलर पेनल/विधुतीकरण की स्थापना, किचन/किचनशेड, पोषण वाटिका निर्माण किया जा सकेगा।
ये भी दे सकेंगे-
बच्चों हेतु आउटडोर एवं इनडोर खेल सामग्री
सीख आधारित खिलौने
टेबल /कुर्सी /फर्नीचर आदि
यूनिफार्म /जूते /चप्पल /स्वेटर /छाता
बालरूचिपूर्ण पेंटिंग
पंखे/लाईट/कूलर
दरी/मेट आदि सामग्री
अन्य आवश्यक सामग्री तीन श्रेणियों में विभाजित होगी आंगनवाडी-
प्रथम: इस श्रेणी में उन आंगनवाडियों को रखा जाएगा। जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
द्वितीय: इस श्रेणी में वे आंगनवाडियां आएंगी, जहां अल्प सेवाएं हैं।
तृतीय: इस श्रेणी में उन आंगनवाडियों को शामिल किया जाएगा। जिसमें सुविधाएं नहीं है।
बच्चों हेतु आउटडोर एवं इनडोर खेल सामग्री
सीख आधारित खिलौने
टेबल /कुर्सी /फर्नीचर आदि
यूनिफार्म /जूते /चप्पल /स्वेटर /छाता
बालरूचिपूर्ण पेंटिंग
पंखे/लाईट/कूलर
दरी/मेट आदि सामग्री
अन्य आवश्यक सामग्री तीन श्रेणियों में विभाजित होगी आंगनवाडी-
प्रथम: इस श्रेणी में उन आंगनवाडियों को रखा जाएगा। जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
द्वितीय: इस श्रेणी में वे आंगनवाडियां आएंगी, जहां अल्प सेवाएं हैं।
तृतीय: इस श्रेणी में उन आंगनवाडियों को शामिल किया जाएगा। जिसमें सुविधाएं नहीं है।
इनका कहना है…
शासन की एडाप्ट योजना के तहत आंगनवाडियों को इच्छुक फर्म या व्यक्ति गोद ले सकेंगे। जिसकी प्रक्रिया जिला स्तर पर शुरू कर दी गई है। इस संबंध में १४ जनवरी के बैठक भी रखी गई है।
-प्रमोद गौर, सीडीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग
शासन की एडाप्ट योजना के तहत आंगनवाडियों को इच्छुक फर्म या व्यक्ति गोद ले सकेंगे। जिसकी प्रक्रिया जिला स्तर पर शुरू कर दी गई है। इस संबंध में १४ जनवरी के बैठक भी रखी गई है।
-प्रमोद गौर, सीडीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग