भारी पड़े निजी ऑपरेटर, पहले ही दिन अनुबंधित सूत्रसेवा ने तोड़ा दम
होशंगाबादPublished: Jul 10, 2020 11:41:02 am
बैतूल आरटीओ ने जब्त की,ऑपरेटर का कहना-फॉर्मेलिटी पूरी की थी, डमी के तौर पर चलाई थी बस
भारी पड़े निजी ऑपरेटर, पहले ही दिन अनुबंधित सूत्रसेवा ने तोड़ा दम
होशंगाबाद. प्रदेश और संभाग में निजी बस ऑपरेटर सरकार पर भारी पड़ रहे हैं। यह वजह है कि बैतूल में निजी बस संचालकों की शिकायत पर आरटीओ ने सिंगल सूत्रसेवा बस को ही जब्त कर खड़े करा दिया। जनता के लिए शुरू हुई बस ने पहले ही दिन दम तोड़ दिया। भोपाल से बैतूल के लिए शुरू हुई अनुबंधित सूत्रसेवा बस शुक्रवार को तीसरे दिन भी शुरू नहीं हो सकी। इसके लिए भोपाल नगर निगम कमिश्नर व बीसीसीएल के अफसरों ने भी कोई पहल नहीं की, जबकि बीसीसीएल के आदेश पर ही यह बस डमी के तौर पर शुरू की गई थी। बैतूल आरटीओ का कहना था कि बस को सरेंडर करने के बाद के फॉर्म से पुन: रिलीज नहीं कराया गया था। इसलिए बस को जब्त किया गया है। इधर, दुर्गंबा ट्रॉंसवे सूत्रसेवा कंपनी के राघवेंद्र तिवारी ने बताया कि उक्त सिंगल बस को डमी के तौर पर सभी औपचारिकता पूरी कर चलाया गया था। के फॉर्म में बस को रिलीज करने का भी आवेदन दिया था। इसके बाद भी बस को जब्त कर कार्रवाई हुई है। यह कार्रवाई निजी बस संचालकों के कथित दबाव के चलते की गई है।
बस स्टैंड से वापस लौट गए यात्री
गुरुवार सुबह होशंगाबाद के पुराने रापनि-आरटीओ कार्यालय स्थित स्टैंड व फौजदार पेट्रोल पंप के सामने तिराहे पर यात्री सूत्र सेवा बस में यात्रा के लिए पहुंचे थे, लेकिन घंटों इंतजार करते रहे। जब बस नहीं आई तो मजबूरन दूसरे निजी साधनों से महंगा किराया लगाकर इन्हें यात्रा करनी पड़ी। बुधवार को यात्रियों ने बस के चालू होने पर राहत व खुशी जताई थी।
सूत्रसेवा के फिर शुरू होने में संशय
पहले ही दिन सूत्रसेवा बस पर कार्रवाई के बाद कंपनी भोपाल-बैतूल सहित अन्य रूट पर बसें चलाने में कदम पीछे खींच रही है। बस चालू होगी या नहीं इस पर शाम तक सशंय बना रहा। जो बस जब्त है, कंपनी उसे पहले कोर्ट के माध्यम से छुड़वाएगी। इसके बाद बसें चलाना है या नहीं इस पर निर्णय लेगी। पहले भी सूत्रसेवा बसें निजी बस ऑपरेटरों के कारण सही ढंग से संचालित नहीं हो सकी थीं। होशंगाबाद में डेढ़ साल में बस को स्टैंड की सुविधा भी नहीं मिल सकी है।
इनका कहना है…
ऑपरेटर ने उक्त बस का परिमिट सरेंडर कर दिया था, बस शुरु करने से पहले के फॉर्म से बस को रिलीज नहीं कराने पर निजी बस संचालकों की सूचना के बाद जब्ती की कार्रवाई की गई है। इसमें किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। जनहित के लिए हम भी चाहते हैं बसें चलेंं, लेकिन नियम के तहत ही संचालित होनी चाहिए।
-रंजना भदौरिया, आरटीओ बैतूल