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होशंगाबाद

फीस की टीस: बच्चों को ऑनलाइन क्लास का मतलब ही नहीं पता, फिर भी वसूल रहे फीस

मुख्यमंत्री से फीस माफी की मांग

होशंगाबादMay 14, 2020 / 07:18 pm

poonam soni

फीस की टीस: बच्चों को ऑनलाइन क्लास का मतलब ही नहीं पता, फिर भी वसूल रहे फीस

फीस की टीस: बच्चों को ऑनलाइन क्लास का मतलब ही नहीं पता, फिर भी वसूल रहे फीस

होशंगाबाद. कोरोना महामारी के चलते डेढ़ माह से स्कूल, कॉलेज बंद हैं। ऐसे में परीक्षाएं भी नहीं हो रही हैं। ऐसे में शहर के कुछ निजी स्कूल के संचालक अभिभावकों को फीस के लिए मैसेज भेज रहे हैं। फीस ऑनलाइन क्लासेस की मांग रहे हंै। जिसका मतलब बच्चों को पता नहीं है। अभिभावकों ने कहा कि एक बार मैसेज आया है, यदि उन पर दबाव बनाएंगे तो हम एक्शन लेंगे।
मुख्यमंत्री से फीस माफी की मांग
नागरिक प्रथम मानव अधिकार संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फीस माफ पत्र भेजा है। जिसमें बताया कि लॉकडाउन में रोजगार, व्यवसाय बंद हैं। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों की फीस जमा नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री से निवेदन है कि तीन माह की फीस माफ करवाने के आदेश जारी कराएं।
मुकेश दुबे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, नागरिक प्रथम मानवाधिकार संघ
फीस माफ करने की मांग
नर्सरी का बच्चा क्या समझेगा की ऑनलाइन पढ़ाई क्या होती है। ऐसे में निजी स्कूल फीस की मांग करता है। लॉकडाउन के चलते फीस माफ होनी चाहिए।
विवेक सिंह लौवंशी, अभिभावक
पढाई और स्कूल बंद हैं तो किस बात की फीस ले रहे हैं। तीन माह की फीस माफ होनी चाहिए। ताकि आने वाले समय में पैसेंटस पर दबाव न हो।
निलीमा जायसवाल, अभिभावक

अभिभावकों का कहना
लॉकडाउन में फीस माफ होनी चाहिए। क्योंकि अभी सभी काम बंद हैं। कुछ बच्चे गांव में रहते हैं कैसे क्लास अटेंड कर पाएंगे। तो फीस लेने का कोई मतलब नहीं है।
अर्पिता दिवोलिया, अभिभावक
ऑनलाइन क्लासेस में फीस की मांग कर रहे हैं जिसका मतलब बच्चों को नहीं पता है। अभी स्कूल ही नहीं है इसलिए फीस माफ होना चाहिए। ।
कीर्ति, अभिभावक

कुछ निजी स्कूलों में पैकेज के अनुसार फीस मार्च में ही ले ली थी। हमने मार्च में ही साल भर की फीस जमा कर दी है। लेकिन फीस माफ होना चाहिए ।
अनिल मिश्रा, अभिभावक
ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाई में नुकसान नहीं होगा बता रहें हैं। लेकिन ऐसे में बच्चें नहीं पढ़ रहे। लॉकडाउन के चलते स्कूल बस का पैस न बसूला जाए।
सीला जायसवाल, अभिभावक

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