6000 से ज्यादा कर्मचारी : इटारसी में स्टेशन, एसी शेड, डीजल शेड सहित अन्य संस्थानों को मिलाकर रेलवे के करीब ६००० कर्मचारी हैं। इनके परिजनों को मिलाने से यह आकंड़ा करीब 22 हजार का है। इन रेलकर्मियों और उनके परिजनों के लिए स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर नयायार्ड स्थित रेलवे अस्पताल है। इस अस्पताल में भी पर्याप्त सुविधा नहीं होने से उन्हें परेशान होना पड़ता है और इसी समस्या को देखते हुए रेलवे ने नर्मदा अस्पताल होशंगाबाद से यह अनुबंध किया है।
जुलाई 2017 से नहीं हुआ था अनुबंध
रेलवे के जीएम मुख्यालय ने रेलकर्मियों को इमरजेंसी मामलों में उपचार दिलाने के लिए 20 जुलाई 2016 को पहली बार अनुबंध किया था। यह अनुबंध 19 जुलाई 2017 तक रहा। इस एक साल की समयावधि में करीब 105 रेलकर्मियों का उपचार किया गया। अनुबंध खत्म होने के बाद से इस माह दिसंबर की शुरूआत तक करीब 5 माह रेलकर्मियों को इमरजेंसी मामलों में उपचार के लिए खासा परेशान होना पड़ा। रेलवे अस्पताल ने इमरजेंसी केसों को नर्मदा अस्पताल भेजना बंद कर दिया था। 5 माह के लंबे इंतजार के बाद 2 दिसंबर को रेलवे अनुबंध का रिनीवल करने की स्वीकृति दे दी है।
रेलवे के जोनल मुख्यालय ने अनुबंध रिनीवल के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। जल्द ही औपचारिक प्रक्रिया की जाएगी। इससे रेलकर्मियों को इमरजेंसी में बेहतर उपचार मिल सकेगा।
डॉ. आशा चिमानिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भोपाल मंडल
रेलवे के जीएम मुख्यालय ने रेलकर्मियों को इमरजेंसी मामलों में उपचार दिलाने के लिए 20 जुलाई 2016 को पहली बार अनुबंध किया था। यह अनुबंध 19 जुलाई 2017 तक रहा। इस एक साल की समयावधि में करीब 105 रेलकर्मियों का उपचार किया गया। अनुबंध खत्म होने के बाद से इस माह दिसंबर की शुरूआत तक करीब 5 माह रेलकर्मियों को इमरजेंसी मामलों में उपचार के लिए खासा परेशान होना पड़ा। रेलवे अस्पताल ने इमरजेंसी केसों को नर्मदा अस्पताल भेजना बंद कर दिया था। 5 माह के लंबे इंतजार के बाद 2 दिसंबर को रेलवे अनुबंध का रिनीवल करने की स्वीकृति दे दी है।
रेलवे के जोनल मुख्यालय ने अनुबंध रिनीवल के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। जल्द ही औपचारिक प्रक्रिया की जाएगी। इससे रेलकर्मियों को इमरजेंसी में बेहतर उपचार मिल सकेगा।
डॉ. आशा चिमानिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भोपाल मंडल