scriptमध्यप्रदेश के टूरिज्म प्लेस के प्रवेश नाके को मिला इस राजा का नाम | Raja's name found in entry point of tourism place of Madhya Pradesh | Patrika News

मध्यप्रदेश के टूरिज्म प्लेस के प्रवेश नाके को मिला इस राजा का नाम

locationहोशंगाबादPublished: Dec 11, 2019 01:19:45 pm

Submitted by:

sandeep nayak

अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 के विद्रोह में क्षेत्र के नायक थे राजा भभूति सिंह

मध्यप्रदेश के टूरिज्म प्लेस के प्रवेश नाके को मिला इस राजा का नाम

मध्यप्रदेश के टूरिज्म प्लेस के प्रवेश नाके को मिला इस राजा का नाम

अमित बिल्लौरे.सोहागपुर/सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के बफर जोन क्षेत्र की परसापानी बीट में जब पर्यटक पहुंचेंगे तो स्वागत द्वार पर उनका स्वागत गौंड मवासी राजा ठा. भभूति सिंह के नाम पर बने द्वार पर होगा। यह इसलिए ताकि बाहरी पर्यटक यह जान सकें कि राजा भभूति सिंह वे नायक हैं, जिन्होंने सन 1857 के संग्राम में अंग्रेजों की नाक में दम किया था। उल्लेखनीय है कि राजा भभूति सिंह को स्वतंत्रता संग्राम सैनानी भी माना जाता है। एसटीआर असिस्टेंट डायरेक्टर आरएस भदौरिया के अनुसार एसटीआर के कोर क्षेत्र के पट्टन में एक महल के अंश शेष हैं, जहां एक द्वार बना है। उक्त महल को राजा भभूति सिंह का बताया जाता है तथा उसी के द्वार की प्रतिकृति को परसापानी रेंज में प्रवेश के स्थान पाठई के समीप बनाई गई है। जहां से होकर पर्यटकों को परसापानी के लिए आना-जाना होगा। उक्त द्वार की लागत लगभग दो से सवा दो लाख रुपए बताई जाती है। तथा द्वार के समीप राजा भभूति सिंह का संक्षिप्त परिचय भी लिखा हुआ है। यद्यपि एसटीआर प्रबंधन प्रयास कर रहा है कि राजा भभूति सिंह के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो तथा उसे द्वार के समीप विशेष स्थान देते हुए उल्लेखित किया जा सके। ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक लगभग दो सदी पूर्व क्षेत्र का गौरव रहे तथा आज भी जिनका नाम लिया जाता है, उस श्रेणी के स्वतंत्रता संग्राम सैनानी राजा भभूति सिंह से भी परिचित हो सकें।
ये थे राजा भभूति सिंह
पत्रिका ने विभिन्न स्त्रोतों से जब राजा भभूति सिंह के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया तो ज्ञात हुआ कि पिपरिया से पचमढ़ी रोड पर स्थित ग्राम सिमारा में उनकी ड्योढ़ी मानी जाती थी। वे आदिवासी जागीरदार माने जाते हैं। भभूति सिंह को नर्मदा क्षेत्र का वीर सपूत माना जाता है। वे सन 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले के रूप में भी जाने जाते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि राजा भभूति सिंह जी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी तात्या टोपे के सहयोगी थे।
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