ये थे राजा भभूति सिंह
पत्रिका ने विभिन्न स्त्रोतों से जब राजा भभूति सिंह के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया तो ज्ञात हुआ कि पिपरिया से पचमढ़ी रोड पर स्थित ग्राम सिमारा में उनकी ड्योढ़ी मानी जाती थी। वे आदिवासी जागीरदार माने जाते हैं। भभूति सिंह को नर्मदा क्षेत्र का वीर सपूत माना जाता है। वे सन 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले के रूप में भी जाने जाते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि राजा भभूति सिंह जी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी तात्या टोपे के सहयोगी थे।
पत्रिका ने विभिन्न स्त्रोतों से जब राजा भभूति सिंह के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया तो ज्ञात हुआ कि पिपरिया से पचमढ़ी रोड पर स्थित ग्राम सिमारा में उनकी ड्योढ़ी मानी जाती थी। वे आदिवासी जागीरदार माने जाते हैं। भभूति सिंह को नर्मदा क्षेत्र का वीर सपूत माना जाता है। वे सन 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले के रूप में भी जाने जाते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि राजा भभूति सिंह जी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी तात्या टोपे के सहयोगी थे।