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कैदी बहनें दरवाजे पर टकटकी लगाए देखती रहीं भाईयों की राह, नहीं पहुंचे राखी बंधवाने

locationहोशंगाबादPublished: Aug 17, 2019 11:50:27 am

Submitted by:

poonam soni

– 52 महिला कैदी में केवल दो के भाई पहुंचे जेल राखी बंधवाने
– दो हजार से अधिक बहनें पहुंची थी जेल में बंद भाईयों को राखी बांधने

jail

कैदी बहनें दरवाजे पर टकटकी लगाए देखती रहीं भाईयों की राह, नहीं पहुंचे राखी बंधवाने

होशंगाबाद. भाई का पवित्र रिश्ता रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। एक तरफ बहनें अपने भाईयों को राखी बांधने जेल पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ कैदी बहने दरवाजे पर टकटकी लगाए अपने भाईयों का इंतजार करती रहीं। यह नजारा गुरूवार को शहर के केंद्रीय जेल में खंड अ एवं नवीन जेल में देखने को मिला। जब दूसरी तरफ बहनों का आना शुरू हो गया था। और यहां कैदी महिलाएं इतंजार में रो पड़ी।
करीब 2 हजार महिलाएं पहुंची जेल

इस दिन जेल में बंद कैदियों के कलाई पर राखी बांधने 2100 महिलाएं एवं उनके परिजन पहुंचे। दूसरी तरफ जेल में बंद महिला कैदी अपने भाइयों की राह देखती रहीं। जेल में 52 महिला कैदी हैं, लेकिन सिर्फ दो महिलाओं के भाई ही राखी बंधवाने पहुंचे। रक्षाबंधन पर गुरुवार को जेल में हरदा, बैतूल और होशंगाबाद से आई बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी।
महिला कैदी को दी तसल्ली
सेंट्रल जेल अधीक्षक ऊषाराज ने बताया कि हर साल इन बहनों के भाई मिलने नहीं आते है। इस कारण वे इनकी आखें भी नम हो गई थी। उनकी काउसलिंग कर समझाइश दी। इन महिला कैदियों की पीड़ा यह थी कि बहने तो अपने भाईयों से मिलने जेल आ जाती हैं लेकिन उनके भाई नहीं आते। जेल अधीक्षक ने उन्हें आगे सब अच्छा होने की तसल्ली दी गई।
रो पड़ी बहनंे
रक्षा बंधन पर यहां पहुंची बहन और अन्य परिजन जेल में बंद अपने रिश्तेदारों से मिलकर आंसू नहीं रोक पाए। यह नजारा आम था कि भाई को राखी बांधते समय बहनों की आंखे नम हो रहीं थी। इस दौरान रक्षासूत्र बांधकर अपराध न करने का संकल्प भी दिलाया गया। बहनों ने दुआ मांगी उनकी भाई जल्दी जेल से रिहा होकर वापस घर आ जाए।
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