सेंट्रल जेल अधीक्षक ऊषाराज ने बताया कि हर साल इन बहनों के भाई मिलने नहीं आते है। इस कारण वे इनकी आखें भी नम हो गई थी। उनकी काउसलिंग कर समझाइश दी। इन महिला कैदियों की पीड़ा यह थी कि बहने तो अपने भाईयों से मिलने जेल आ जाती हैं लेकिन उनके भाई नहीं आते। जेल अधीक्षक ने उन्हें आगे सब अच्छा होने की तसल्ली दी गई।
रक्षा बंधन पर यहां पहुंची बहन और अन्य परिजन जेल में बंद अपने रिश्तेदारों से मिलकर आंसू नहीं रोक पाए। यह नजारा आम था कि भाई को राखी बांधते समय बहनों की आंखे नम हो रहीं थी। इस दौरान रक्षासूत्र बांधकर अपराध न करने का संकल्प भी दिलाया गया। बहनों ने दुआ मांगी उनकी भाई जल्दी जेल से रिहा होकर वापस घर आ जाए।