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इलाज के दौरान बच्चे की मौत के बाद किस अस्पताल में हुआ हंगामा जानने के लिए पढ़े ये खबर

locationहोशंगाबादPublished: Jan 19, 2019 08:27:02 pm

Submitted by:

Manoj Kundoo

जिला अस्पताल की घटना : रात १ बजे पुलिस व तहसीलदार ने पहुंचकर कराया मामला शांत, पुलिस ने शुरू की मर्ग जांच, बदसलूकी का शिकार हुई नर्स ने दिया सीएस को शिकायत पत्र

Collector gave instructions for cleaning every third day, NAP's cleanliness campaign started after 20 days

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होशंगाबाद.
स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में हमेशा विवादों में रहने वाला जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। अस्पताल में पिछले तीन दिनों से भर्ती १३ वर्षीय बच्चे की गुरुवार रात १२.१५ बजे मौत हो गई। बच्चे की मौत पर बिफरे परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। विवाद की सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस और तहसीलदार अस्पताल पहुंच गए थे। जिसके बाद मामला शांत कराया गया। इधर परिजनों पर ड्यूटी पर तैनात स्टॉफ नर्स ने बदसलूकी करने और अस्पताल में तोडफ़ोड़ करते हुए शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए प्रबंधन को शिकायत पत्र दे दिया है।
यह है मामला
गढ़ाघाट पिपरिया निवासी विनीत पिता बद्रीप्रसाद तिवारी उम्र १३ साल को परिजनों ने १६ जनवरी की रात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। विनीत सेरेबल पाल्सी (सीपी) नामक मस्तिष्क प्रतिरोध बीमारी से पीडि़त था। अस्पताल में डा. सुनील गौर ने गुरुवार शाम को उसकी हालत बिगडऩे पर रेफर करने की सलाह दी थी, लेकिन परिजनों ने कहीं भी ले जाने से मना कर दिया था। इसके बाद रात में उसकी ओर ज्यादा तबीयत खराब हो गई और १२.१५ बजे मौत हो गई। डाक्टर ने जैसे ही परिजनों को उसकी मौत की खबर दी, परिजन बिफर पड़े और हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने हंगामा करते हुए बॉटल स्टैंड फेंक दिया, स्टॉफ नर्स वर्षा मैथ्यू को धक्का देते हुए गालीगलौंच की। घटना की सूचना मिलने के बाद कोतवाली टीआई त्रयंबक सप्रे, तहसीलदार शैलेंद्र बडोनिया अस्पताल पहुंच गए। यहां परिजनों को समझाइश दी। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
इनका कहना है…
मेरे भाई को श्वांस की बीमारी थी, हम श्वांस का इलाज कराने जिला अस्पताल लेकर आए थे, लेकिन यहां के डाक्टर उसका दिमागी इलाज करके उसे पागल बनाने पर तुले हुए थे। डाक्टरों की लापरवाही से मौत हुई है। मैंने जांच की मांग की है।
-विनय तिवारी, मृतक का भाई
जो बेहतर इलाज हो सकता था किया गया। रेफर की सलाह दी थी, परिजनों ने ले जाने से मना कर दिया था। बेवजह विवाद किया। स्टॉफ नर्स से बदसलूकी की। जिसकी लिखित शिकायत मिली है। जांच कर रहे हैं।
-डा. सुधीर डेहरिया, सीएस जिला अस्पताल
अस्पताल से रात में हंगामें की सूचना मिली थी। पुलिस बल लेकर अस्पताल पहुंचे थे। तहसीलदार भी थे। समझाइश देकर मामला शांत कराया गया। मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।
-त्रयंबक सप्रे, टीआई कोतवाली

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