गढ़ाघाट पिपरिया निवासी विनीत पिता बद्रीप्रसाद तिवारी उम्र १३ साल को परिजनों ने १६ जनवरी की रात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। विनीत सेरेबल पाल्सी (सीपी) नामक मस्तिष्क प्रतिरोध बीमारी से पीडि़त था। अस्पताल में डा. सुनील गौर ने गुरुवार शाम को उसकी हालत बिगडऩे पर रेफर करने की सलाह दी थी, लेकिन परिजनों ने कहीं भी ले जाने से मना कर दिया था। इसके बाद रात में उसकी ओर ज्यादा तबीयत खराब हो गई और १२.१५ बजे मौत हो गई। डाक्टर ने जैसे ही परिजनों को उसकी मौत की खबर दी, परिजन बिफर पड़े और हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने हंगामा करते हुए बॉटल स्टैंड फेंक दिया, स्टॉफ नर्स वर्षा मैथ्यू को धक्का देते हुए गालीगलौंच की। घटना की सूचना मिलने के बाद कोतवाली टीआई त्रयंबक सप्रे, तहसीलदार शैलेंद्र बडोनिया अस्पताल पहुंच गए। यहां परिजनों को समझाइश दी। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
मेरे भाई को श्वांस की बीमारी थी, हम श्वांस का इलाज कराने जिला अस्पताल लेकर आए थे, लेकिन यहां के डाक्टर उसका दिमागी इलाज करके उसे पागल बनाने पर तुले हुए थे। डाक्टरों की लापरवाही से मौत हुई है। मैंने जांच की मांग की है।
-विनय तिवारी, मृतक का भाई
-डा. सुधीर डेहरिया, सीएस जिला अस्पताल
-त्रयंबक सप्रे, टीआई कोतवाली