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मूसलाधार बारिश से मिली राहत, पूरे दिन नहीं बरसा पानी

locationहोशंगाबादPublished: Sep 12, 2019 11:50:33 pm

Submitted by:

yashwant janoriya

गुरूवार सुबह से हालांकि हल्की फुआरें चलती रही

no rain for the whole day

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मुलताई. नगर में लगातार मूसलाधार बारिश से गुरूवार थोड़ी राहत मिली है। गुरूवार सुबह से हालांकि हल्की फुआरें चलती रही लेकिन मूसलाधार बारिश नही हुई जिससे लोगों को गणेश प्रतिमा विसर्जन में भी सुविधा हुई। एक दिन पूर्व ही सुबह से लेकर पूरे दिन मूसलाधार बारिश होने से एैसे कयास लगाए जा रहे थे कि अनंत चतुदर्शी पर भी लगातार बारिश होती रहेगी लेकिन गुरूवार पूरे दिन बारिश नही हुई जिससे विसर्जन निर्विघ्र संपन्न हुआ। बारिश नही होने से शाम को मौसम सुहावना हो गया जिससे गणेश विसर्जन करने वाले श्रद्धालुओं का भी उत्साह दोगुना हो गया। इधर बताया जा रहा है कि लगातार बारिश से खेतों में पानी भर गया है जिससे मक्का तथा सोयाबीन की फसलें प्रभावित हो गई है। प्रभात पट्टन क्षेत्र में सोयाबीन में बड़े स्तर पर इल्लियों का प्रकोप होने से फसल बरबादी की कगार पर है। किसानों के अनुसार खेतों में पानी बने रहने से पौधे की जड़े खराब होने लगी है यदि अभी भी लगातार बारिश होती रही तो पूरी फसल चौपट हो सकती है। बुजुर्गोंे के अनुसार पितृपक्ष लगने वाले हैं जिसमें अपेक्षाकृत बारिश लगभग बंद हो जाती है, इस वर्ष बारिश ने सारे कयासों पर पानी फेर दिया जिससे विगत दो वर्षोंे की तुलना मे तिगुना पानी बरसा है। विगत वर्ष जहां मात्र अठारह इंच ही बारिश हुई थी वहीं इस वर्ष बारिश ने चालीस के उपर का आंकड़ा पार कर लिया है।
विगत दो वर्षों से नगर में नही भरने वाला ताप्ती सरोवर विगत एक माह से अधिक समय से लगातार ओवरफ्लो चल रहा है जिसने वर्षोंे का रिकार्ड तोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि अभी कुछ दिन और बिना बारिश के भी सरोवर में ओवरफ्लो जारी रहेगा।
क्षेत्र के सभी बांध ओवरफ्लो : भारी बारिश से जहां नदी नाले उफान पर चल रहे हैं वहीं क्षेत्र के सभी छोटे बड़े बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। जहां चंदोरा जलाशय के गेट खोल दिए गए हैं वहीं बुंडाला जलाशय के वेस्ट वेयर से भारी मात्रा में पानी जा रहा है। इधर निर्माणधीन वर्धा जलाशय के निर्माण चरण में ही पानी की खासी आवक बांध में हो चुकी है। पारसडोह जलाशय भी लबालब होकर लहरा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र के छोटे जलाशयों के वेस्टवेयर से पानी निकल रहा है। बाकि जलस्त्रोतों में भी पानी भरा हुआ है जिससे इस वर्ष गर्मी में भी जलसंकट के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।

आठवें दिन भी बंद रहा चोपना मार्ग, दिन भर खुले रहे सतपुड़ा डैम के गेट
सारनी. सतपुड़ा डैम सारनी से गुरुवार को 12 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा गया। इससे तवा नदी में बाढ़ जैसे हालात बने रहे। वहीं नांदिया घाट और शिवनपाट रपटे पर बाढ़ होने से चोपना क्षेत्र के 32 गांवों का संपर्क लगातार आठवें दिन भी बंद रहा। बुधवार रात 6 गेटों से पानी छोड़ा गया। सुबह गेटों की संख्या घटाकर 4 कर दी गई। इसके बाद जलस्तर बढऩे परसुबह 10 बजे पुन: 6 गेट 2-2 फीट की ऊंचाई पर खोलकर 3:15 बजे तक तवा नदी में करीब 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके बाद गेटों की संख्या घटाकर 3 और ऊंचाई एक-एक फीट कर दी गई। बावजूद इसके नांदिया घाट रपटे से बाढ़ नहीं उतरी। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से नांदिया घाट, शिवनपाट और राजडोह नदी पर पुलिस बल तैनात रहा। बीते24 घंटे के भीतर सारनी क्षेत्र में 44 एमएम बरसात दर्ज की गई है। इसी के बरसात का आंकड़ा 1646 मिलीमीटर पर पहुंच गया है जो बीते साल की कुल बरसात से 754 मिलीमीटर ज्यादा यानी कि 30 इंच अधिक है।

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