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खतरे की नदी, जान जोखिम में डाल एेसे करते हैं पार

locationहोशंगाबादPublished: Dec 25, 2018 11:51:42 pm

Submitted by:

yashwant janoriya

बिना सहारे के बुजुर्ग पार नहीं कर पा रहे नदी

itarsi news

danger river

इटारसी. बीसारोड़ा-घुघवासा के बीच नदी खतरा बन गई है। इस नदी को बुजुर्ग और बच्चे बिना सहारे पार नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामवासियों को कहना है कि यह हालात यहां सड़क बना रहे ठेकेदार की लापरवाही से बने हैं। बीसारोड़ा-घुघवासा के बीच सड़क बन रही है। यह सड़क पीडब्ल्यूडी द्वारा बनवाई जा रही है। इस सड़क से एक दर्जन से ज्यादा गांवों का आना जाना है। सड़क के दोनों ओर गांव के लोगों को सड़क के बीच जो वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। उससे परेशानी बढ़ गई है।
इसलिए हो रही दिक्कत – नदी में जो पाइप ठेकेदार द्वारा बिछाया गया है वह पतला और छोटा है। इस वजह से पाइप के दोनों ओर की मिट्टी में कटाव हो गया है। पाइप और किनारों की दूरी ज्यादा होने से आना-जाना मुश्किल हो रहा है। हालात यह है कि बुजुर्ग और बच्चों को यह नदी पार करने के लिए सहारा लेना पड़ रहा है।
यह है स्थिति – घुघवासा से किसी को बाईखेड़ा और बीसारोड़ा जाना है तो उसे घुघवासा में ही अपनी गाड़ी खड़ी करना पड़ रहा है। इसी तरह किसी को बीसारोड़ा-बाईखेड़ी से घुघवासा की ओर जाना है तो बीसारोड़ा की ओर गाड़ी खड़ी करके पैदल आगे जाना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत किसानों को हो रही है क्योंकि अधिकांश किसानों को खेत जाने के लिए नदी के पार जाना पड़ता है उन्हें पैदल अपने खेतों तक जाना पड़ रहा है।
1 करोड़ 35 लाख में बन रही सड़क – सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जा रहा है। सड़क निर्माण की लागत १ करोड़ ३५ लाख रुपए हैं। बीसारोड़ा से घुघवासा तक बनने वाली इस सड़क की लंबाई २३०० मीटर है। चौड़ाई ३.७५ मीटर है।
ठेकेदार की लापरवाही
ठेकेदार की लापरवाही है। ठेकेदार ने जो पाइप नदी में पानी निकलने के लिए बिछाया है वह पतला है इससे पानी निकल नहीं पा रहा है। आसपास से पानी निकलने के कारण मिट्टी का कटाव हो गया है। ठेकेदार को बड़े पाइप बिछाना था जिससे पानी आसानी से निकल जाता और इस पर से नदी पार करना भी आसान होता।
नवल पटेल, ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष किसान कांग्रेस
अभी ब्रिज बंद होने से पाइप नहीं आ पा रहे हैं इसलिए पुरानी पुलिया में से जो पाइप निकले वह बिछाए गए हैं। इसमें एक-दो दिन में ही दो और पाइप बिछा देंगे जिससे ग्रामवासियों को दिक्कत नहीं हो। वैसे हमें भी काम करने में दिक्कत हो रही है।
सत्येंद्र तिवारी, ठेकेदार
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