वारदात के बाद जयस्तंभ चौक से बैंककर्मियों के पीछे निकले तीन बदमाशों का एक फोटो वायरल किया गया था। फुटेज में दिख रहे आरोपी ही वारदात में शामिल थे। इन आरोपियों का सुराग होशंगाबाद में पदस्थ आरक्षक दिनेश कटारे को मिला था। दिनेश को उसके मुखबिर ने बताया कि गुफरान आजकर ठाठबाट से रह रहा है। महंगे कपड़े और जूते पहनने के साथ जुआ भी खेल रहा है। इस सुराग के फॉलोअप करने पर ही पुलिस आरोपियों तक पहुंच पाई।
आरोपियों ने वारदात के चार दिन पहले बैंक के अंदर बैंककर्मियों की रैकी की। उनके निकलने के समय से लेकर रूट तक की जानकारी लेने और आश्वस्त होने पर वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों को उम्मीद थी कि १० लाख तक की रकम मिलेगी, लेकिन उस दिन पांच लाख रुपए ही थे।
अमर सिंग कीर की कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी। अमरसिंग ने अपनी पत्नी के लिए उधार जेवर खरीदे थे, जिसकी उधारी उसे चुकाना था। उसने दादा की रसोई करने के लिए भी उधार पैसे लिए थे। उसने हैसियत से बढ़कर रसोई में खर्च किया था। इसे चुकाने के लिए वारदात करने की योजना बनाई। अमरसिंग पीएनबी नया यार्ड में पहले केसीसी एजेंट रह चुका है। वारदात करने के लिए उसने अपने रिश्तेदार करन सिंग कीर की मदद ली और करनसिंग ने गुफरान को भी साथ लिया जिससे वह अपने ट्रेक्टर-ट्रॉली का पंक्चर बनवाया करता था। करन सिंग ट्रेक्टर ड्राइवर था और वह रेत का परिवहन करता था। वह इस काम से बोर हो गया था इसलिए वह स्वयं की ट्रॉली खरीदना चाहता था। गुफरान की बुदनी में पंक्चर की दुकान है। गुफरान अपना पक्का मकान बनवाना चाहता था जिसमें लेट-बाथ हो।