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कुछ ऐसे हैं खरीदी केंद्रों के हाल, किसान परेशान

locationहोशंगाबादPublished: Apr 17, 2018 10:18:09 am

Submitted by:

pradeep sahu

खस्ताहाल बारदानों की वजह से खरीदी पर गिर रहा अनाज

Rotten twigs

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होशंगाबाद. नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा समितियों को उपलब्ध करायी जा रही वारदानों की गठान से कटे-फटे बारदाने निकलने का सिलसिला जारी है। आलम यह है कि खरीदी केन्द्रों पर खराब वारदानों की ढ़ेर लगते जा रही हैं। समिति प्रबंधक भी इस समस्या से परेशान है। समितियां निगम को प्रति बारदाना ५९ रूपए का भुगतान करती हैं। वहीं कटे-फटे बारदानों की वजह से समितियों को वित्तीय हानि होती है। समिति प्रबंधक निगम को इस संबंध में सूचना भी दे चुके हैं लेकिन निगम द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। खस्ताहाल बारदानों की वजह से तुलाई के बाद भी गेंहू परिसर में फैल रहा है।
दिनभर इंतजार, देर शाम हुई तुलाई – सोमवार को गेंहू की १८० ट्रालियों के साथ ही चना लेकर भी तीन किसान मंडी पहुंचे। हालांकि चना लेकर पहुंचे किसानों को तुलाई के लिए दिनभर इंतजार करना पड़ा। सोमवार को ५२ क्विंटल चने की तुलाई हुई। अंधियारी गांव से ६ क्विंटल चना लेकर मंडी पहुंचे किसान राजकुमार चौधरी ने बताया कि वे सुबह ९ बजे से मंडी पहुंच गए थे लेकिन शाम ७.३० बजे उनके चने की तुलाई हुई। वहीं एक किसान ३५ क्विंटल व दूसरा किसान ११ क्विंटल चना लेकर मंडी आए थे।

इधर, एक लाख छह हजार क्विंटल गेहूं परिवहन करना शेष
सोहागपुर. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी प्रक्रिया प्रशासन के लिए परिवहन गति धीमी होने के चलते परेशानी का सबब बनती जा रही है। सोमवार दोपहर एक बजे तक की स्थिति में सोहागपुर ब्लॉक की सेमरी मंडी से जुड़े 18 खरीदी केंद्रों पर एक लाख छह हजार क्विंटल गेहूं परिवहन के लिए शेष रह गया है। परिवहन का प्रतिशत भी सराहनीय नहीं कहा जा सकता है। एसडीएम कार्यालय व खाद्य शाखा से प्राप्त जानकारी अनुसार ब्लॉक के 18 मेें से छह केंद्रों पर तो परिवहन प्रतिशत 50 फीसदी से भी कम स्थिति में है, जबकि इतने ही केंद्रों पर यह प्रतिशत 90 से अधिक है। शेष छह केंद्रों पर परिवहन का प्रतिशत 50 से 90 फीसदी के बीच हुआ है। 50 फीसदी से कम परिवहन वाले केंद्रों के कारण परिवहन का ओवरआल प्रतिशत घटा हुआ है और ब्लॉक में यह लगभग 77 फीसदी हो गया है जो कि एक सप्ताह पूर्व के लगभग 60 फीसदी परिवहन से दो गुना होने की स्थिति में है। लेकिन अभी भी प्रशासन में चिंता है, क्योंकि शत प्रतिशत परिवहन के उच्च स्तर से आदेश हैं। शत प्रतिशत परिवहन न होने के कारण जिन केंद्रों पर अधिक मात्रा शेष रह गई है, वहां खरीदी प्रभावित हो रही है तथा किसानोंं को उपज लाने से रोका जा रहा है।

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