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ब्लू व्हेल गेम का रूस कनेक्शन

locationहोशंगाबादPublished: Sep 17, 2017 11:45:55 am

Submitted by:

harinath dwivedi

ब्लू व्हेल गेम का टास्क पूरा करने आगरा से होशंगाबाद पहुंची ९वीं कक्षा की दोनों छात्राएं अब भी दहशत में हैं।

Blue Whale Game

Blue Whale Game

होशंगाबाद. ब्लू व्हेल गेम का टास्क पूरा करने आगरा से होशंगाबाद पहुंची 9वीं कक्षा की दोनों छात्राएं अब भी दहशत में हैं। पुलिस उनसे काउंसलर्स के माध्यम से जानकारियां हासिल कर रही है। उनसे पता चला कि गेम संचालक रूस में बैठा है, वह वहीं से उन्हें एक के बाद एक टास्क दे रहा था। पहले टास्क पर दोनों ने मना कर दिया लेकिन उसकी धमकी के कारण पूरा करने के बाद अगले टास्क के लिए ट्रेन में बैठ गई थी। उत्तरप्रदेश में अपने घर पहुंच चुकी यह दोनों छात्राएं अभी भी 24 घंटे निगरानी में हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों डरी हुई हैं, इस कारण काउंसलर्स के सहयोग से जानकारियां हासिल की जा रही है। फिलहाल पुलिस का उद्देश्य यह पता लगाना है कि उनके साथ कितने ओर बच्चे इस गेम के जाल में फंस चुके हैं। छात्राओं ने अब तक जो जानकारी दी है उसके अनुसार उन्हें 10 सितंबर को ब्लू व्हेल गेम का लिंक मिला था। उन्हें पहला टास्क घर के बल्व फोडऩे का दिया था। पहले टास्क में ही दोनों डर गई थी और खेलने से मना कर दिया था। लेकिन उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी मिली तो बल्व फोड़ दिए। इसके बाद उन्हें ट्रेन में बैठकर होशंगाबाद पहुंचने का टास्क मिला। अगला टास्क मिलता इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गई। पुलिस पड़ताल में पता चला कि गेम का संचालन रशिया से किया जा रहा है। वहीं से गेम का एडमिन उन्हें टास्क दे रहा था। रूस से ही गेम के तीन लिंक सर्कुलेट हो रहे हैं। यहां से गेम खेलने वाले को हर रोज नया टास्क मिलता है। 50 दिन में टास्क पूरा करना होता है लेकिन कई बच्चे बीच में ही आत्महत्या कर लेते हैं। जबकि अंतिम टास्क सुसाइड का होता है।
आपस में किया था लिंक शेयर, छह बच्चे फंसे जाल में
छात्राओं ने बताया कि आधा दर्जन बच्चे ओर भी इस गेम के झांसे में हैं। इनमें तीन बच्चे छावनी के और तीन बाहर के हैं। काउंसलिंग के बाद दोनों छात्राएं धीरे-धीरे सदमे से बाहर आ रही हैं। अभी तक उन्होंने यह नहीं बताया कि सबसे पहले किसके पास गेम का लिंक आया था। घटना बाद स्कूल प्रबंधन, पुलिस और पालक सभी सतर्क हो गए हैं। स्कूल में बच्चों की काउंसलिंग की जा रही है। सैनिक स्कूल की इन दोनों छात्राओं में एक के पिता आर्मी से रिटायर्ड है, जबकि दूसरे का फर्नीचर का व्यवसाय है।
अपने बच्चे पर यूं रखे नजर
बच्चे को मोबाइल फोन न दें। यदि जरूरी हो तो नेट बंद कर दें। यदि आपका बच्चा नेट देख रहा है तो हिस्ट्री में जाकर चेक करें कि वह गेम सर्च तो नहीं कर रहा।
बच्चे को गेम के प्रति सचेत करें। उसकी गतिविधियों और दोस्तों के ग्रुप पर नजर रखें।
स्कूल और कोचिंग टीचर के संपर्क में रहे। निगरानी रखे कि वह ज्यादा समय मोबाइल पर तो नहीं लगा रहता।
यह हैं गेम के तीन लिंक
ए साइलेंट हाउस
ए सी ऑफ व्हेल-
मेक अप एट 4.20 एएम
गेम संचालक की नजर होशंगाबाद पर
आगरा की छात्राओं को होशंगाबाद जाने का टास्क देने के पीछे आशंका व्यक्त की जा रही है कि अब गेम संचालकों की नजर इस शहर पर है। इसके पीछे होशंगाबाद का नाम ब्लू व्हेल गेम सर्चिंग में सामने आना भी हो सकता है।

गेम तो नहीं खेल रहा बच्चा, एेसे पहचाने
गेम में रात के समय ही टास्क दिया जाता है। नजर रखे कि रात में वह मोबाइल पास तो नहीं रखता। शुरूआत में खुद को चोट पहुंचाने या घर में कोई नुकसान करने का टास्क मिलता है। यदि बच्चा एेसी हरकत करे या उसके शरीर पर चोट के निशान हो तो गंभीरता से लें। बच्चा डरा हुआ और गुमसुम रहने लगे। अकेला रहना पसंद करे। मोबाइल की जिद करे।
&’इस संबंध में हमें भी लगातार इनपुट मिल रहे हैं, बच्चों को जागरुक करने का काम भी पुलिस कर रही है। इसके साथ ही साइबर टीम अलर्ट पर है।
शशांक गर्ग, एएसपी होशंगाबाद
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