इधर, रेत खदान मजदूरों का कहना है कि कंपनी को मशीनों से खनन नहीं करने देंगे। खनन-भराई का कार्य मजदूरों से ही कराना होगा। इसके लिए मजदूर यूनियन ने कंपनी के स्थानीय संचालकों से भी चर्चा की है। उल्लेखनीय रहे कि जिले में करीब 25 से 30 हजार रेत खदान मजदूर हैं। प्रशासन ने भी मशीनों पर रोक लगा रखी है।
जिले में नए ठेके की यह रेत खदानें हुई चालू
कंपनी के हीरामणी तिवारी ने बताया कि शुक्रवार से निमसाडिय़ा, मरोड़ा, होरियापीपर, रायपुर -4 नंबर, बनखेड़ी की वेदर, रजौन-1 एवं 2, देवलाखेड़ी, मेहराघाट-10, सांगाखेड़ा खुर्द, जामरा, सुरेलाकला, डांडिया किशोर-2, सिंगोठी, रेवा मोहारी, डेठी-2, गुरंजघाट, जासलपुर-1, रामघाट-1, रामगढ़-2 खदानों में कम शुरू किया है।
अवैध खनन-चोरी व परिवहन रोकने 8 नाके बने
कंपनी के अनुसार जिले में रेत का अवैध खनन-चोरी व परिवहन रोकने के लिए आठ चेकिंग नाके बनाए हैं। यह नाके भोपाल तिराहा, सुखतवा, पगढाल, हरदा बायपास टोल नाका, मालनबाड़ा, सांडिया (पिपरिया), नसीराबाद बाबई, आंवलीघाट पुल पर रहेंगे। इसके बाद ही नाके से भोपाल-इंदौर, देवास, धार आदि शहरों में रेत जा सकेगी।
खनिज निगम ने 11 नवंबर 2020 को ई-टेंडरिंग कर जिले की 118 रेत खदानों का ठेका 261 करोड़ 99 लाख 99 हजार 999 रुपए (करीब 262 करोड़) में नीलाम किया था। प्रथम उच्चतम बोलीकर्ता आरके ट्रांसपोर्ट रायपुर (छग) को यह ठेका मिला। बता दें कि इसके पहले हैदराबाद की पावर मेक कंपनी ने यह ठेका 216 करोड़ में लिया था, लेकिन सुरक्षा राशि समय पर जमा नहीं करने पर शासन ने इसका ठेका निरस्त कर दिया। यह कंपनी अभी सीहोर जिले में रेत खदानें संचालित कर रही है।
जिले में रेत खदानों का नया ठेका 15 जनवरी 2021 से शुरू करा दिया गया है। प्रथम चरण में ठेका कंपनी 20 खदानें शुरू कर रही है। इनके पोर्टल भी शुक्रवार देर शाम से शुरू हो गए हैं। शेष खदानें भी आगामी दिनों में शुरू हो जाएगी।
– राजकुमार नेमा, क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक, मप्र खनिज निगम होशंगाबाद
शशांक शुक्ला, जिला खनिज अधिकारी, होशंगाबाद