ट्रक से ट्रॉली में चना खाली कर दोबारा मंडी में बेंचने से पहले एसडीएम ने किया जब्त
ट्रक से ट्रॉली में चना खाली करते पकड़ा, एसडीएम ने जब्त किया वाहन और उपज

हरदा. समर्थन मूल्य पर बाजार का चना बिकने से रोकने के लिए प्रशासन ने बीती रात कृषि मंडी परिसर से किसान को ट्रक में लदा चना ट्रैक्टर ट्रॉली में भरते पकड़ा। मौके पर पहुंचे एसडीएम और तहसीलदार ने वाहन व उपज जब्ती की कार्रवाई की। राजस्व अमला अब किसान की भूमि व उपज उत्पादन सहित अन्य जानकारियां जुटाने में लगा है, ताकि कार्रवाई की जा सकी। इधर, किसान का कहना है कि यह उसके खेत की ही उपज है, जिसे केंद्र पर बेचने लाया था।
हंडिया तहसील के बेसवा गांव का किसान राजेंद्र खत्री बुधवार रात को मंडी परिसर में ट्रक खड़ा कराके इसमें लदा चना ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरा रहा था। कलेक्टर अनय द्विवेदी को किसी ने यह सूचना दी तो उन्होंने अधिकारियों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। एसडीएम जेपी सैयाम और प्रभारी तहसीलदार अनुराग उइके ने मंडी पहुंचकर जांच की। अंधेरे में खड़े वाहनों से चना की बोरियां खाली की जा रही थी। तहसीलदार उइके के मुताबिक किसान द्वारा ट्रक में 16 0 क्विंटल (३२० बोरी) चना नीमगांव सोसायटी में बेचने लाना बताया गया। इसमें से 40 क्विंटल चना तुल चुका था। बचा चना ट्रक व ट्रैक्टर ट्रॉली में रहा। फिलहाल वाहन व उपज जब्ती की कार्रवाई की गई है। जांच कर यह पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि किसान ने कितने रकबे में चना व गेहूं बोया था। गेहूं कितना बेचा जा चुका है व चना बेचने के लिए कितने रकबे का पंजीयन कराया गया था। सभी बिंदुओं पर जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्पष्ट कुछ नहीं बता सका किसान
इस संबंध में पत्रिका ने किसान राजेंद्र खत्री से मोबाइल पर चर्चा की तो उन्होंने यह कहते हुए जानकारी देने से इंकार किया कि फिलहाल उनकी तबीयत खराब है। इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। बेटे को मालूम है। उसी से बात करें। हालांकि उपज की मात्रा को लेकर उन्होंने विरोधाभासी बात कही। किसान के मुताबिक ट्रक में १६० बोरी यानि ८० क्विंटल चना ही था। उल्लेखनीय है कि खत्री ने एक साल पहले मंडी में खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था। उस दौरान उन्होंने समर्थन मूल्य खरीदी के लिए अरहर को रिजेक्ट किए जाने पर नाराजगी जताई थी।
वेयरहाउस में नहीं है पंजीयन
मौके पर रात में पहुंचे अधिकारियों को किसान ने बताया था कि थ्रेसिंग के बाद चना उनके खुद के वेयरहाउस में रखा था। हालांकि वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंधक एनपी कीर के मुताबिक बेसवा में किसी भी वेयरहाउस का पंजीयन नहीं है।
इसलिए संदिग्ध बना मामला
शासन के निर्देश पर किसानों से अधिकतम १२० क्विंटल चना खरीदा जाना है। एक बार में 40 क्विंटल चना की तुलाई ही होगी। इससे ज्यादा उपज तुलने पर ऑनलाइन बिल ही नहीं बनेंगे। नीमगांव सहकारी समिति द्वारा किसान को जो एसएमएस दिया गया था वह 40 क्विंटल का बताया जा रहा है। किसान ने बुधवार को इतनी उपज तुलाई थी। इससे ज्यादा उपज बेचने का उनके पास एसएमएस भी नहीं था। इन तथ्यों के बीच किसान द्वारा ट्रक में चना लादकर उन्हें मंडी परिसर के सुनसान क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्रॉली में लादना मामले को संदिग्ध बना रहा है। इसी के मद्देनजर प्रशासन बारीकी से यह जांच कर रहा है कि व्यापारियों से खरीदी गई उपज तो समर्थन मूल्य पर नहीं बेची जा रही थी।
गोदामों से अब तक 1500 क्विंटल चना उठाव हुआ
समर्थन मूल्य पर चना खरीदी में गोलमाल को रोकने के लिए कलेक्टर अनय द्विवेदी ने आदेश जारी किए थे कि एसडीएम व मंडी सचिव की अनुमति के बाद ही गोदामों में रखा चना संबंधित को दिया जाए। वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंधक एनपी कीर के मुताबिक अब तक 1500 क्विंटल चना का उठाव अनुमति अनुसार हुआ है।
हाल ही में पकड़ाया है ६७४ क्विंटल चना
ज्ञात हो कि प्रशासन ने 20 मई को खिरकिया में मौके पर ५४० बोरी चना बरामद किया था। जबकि बिल २४३ बोरियों के ही पेश किए जा सके। यह माल भुसावल (महाराष्ट्र) से बुलाया गया था। इसके अगले दिन हरदा से 404 क्विंटल चना पकड़ा गया। शुरुआत में इसके जो बिल बताए गए थे वे फर्जी फर्म के नाम से थे। बाद में इसे खनूजा ट्रेडर्स का होना बताते हुए उन्हीं के सुपुर्द किया गया।
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