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जल आवर्धन की वजह से अटका सात करोड़ का सीवर लाइन प्रोजेक्ट

locationहोशंगाबादPublished: Jun 05, 2020 07:02:06 pm

Submitted by:

Manoj Kundoo

बारिश में शहर के कई इलाके हो जाते हैं जलमग्र, न्यास कॉलोनी के घरों में आ जाता है सीवर का गंदा पानी

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क. इटारसी
गर्मी के मौसम में पेयजल और बारिश में सीवर सिस्टम की खामियों का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ता है। आईएचएसडीपी योजना तहत सात करोड़ रुपए के सीवर प्रोजेक्ट में जल आवर्धन की वजह से रोड़ा अटका हुआ है। शर्त के मुताबिक जब तक शहर के प्रति व्यक्ति को प्रति दिन १३५ लीटर पानी की सप्लाई नहीं की जाती, सीवर लाइन प्रोजेक्ट को लागू नहीं किया जा सकता। यही वजह है शहर में सीवर लाइन प्रोजेक्ट का काम शुरू नहीं हुआ। जिसकी वजह से हर साल बारिश में शहर में जलभराव की स्थिति बनती है। न्यास कॉलोनी के घरों में तो चैंबरों से गंदा पानी रिवर्स होकर आ जाता है।
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यहां इसलिए बनते हैं ये हालात-
सीवर लाइन और टैंक गलियों में बंद हैं। यही वजह है सीवर लाइनों की सफाई नहीं हो पाती। बारिश के समय खुले पड़े टैंक पानी से भर जाते हैं, नतीजतन पानी उल्टा घरों में आता है। 1984-85 में बने प्रियदर्शनी नगर को शहरवासी न्यास कालोनी के नाम से जानते हैं। यहां ईडब्ल्यूएस, एमआईजी और एलआईजी के करीब 945 मकान हैं।
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अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम का प्रस्ताव-
नपा ने यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत नक्शा तैयार किया था। जिसकी वित्तीय और प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी। योजना के मुताबिक अंडरग्राउंड डे्रनेज का काम 7 करोड़ 8 लाख रुपए से होना है। नपा में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक शहर के तकरीबन 12 हजार मकानों को सीवर लाइन से जोड़ा जाना था।
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योजना पर अमल होता तो ये काम होते-
लघु तथा मध्य अधोसंरचना विकास योजना (यूआईडीएसएसएमटी) के अंतर्गत पांच मकानों का एक चैंबर बनाकर इसे डे्रनेज अंडरग्राउंड लाइन से जोड़ा जाना है। सोनासांवरी नाला, बूढ़ी माता मंदिर के पीछे का नाला, सनखेड़ा रपटा और मेहरागांव नदी को ट्रीटमेंट प्लांट के लिए चिन्हित किया था।
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२००८ में मिली थी राशि-
योजना पर काम शुरू करने के लिए केंद्र सरकार को 80 व राज्य और निकाय को 10-10 प्रतिशत का अनुदान देना था। राज्य सरकार और निकाय की धनराशि जमा होने के बाद केंद्र ने पहली किश्त के रूप में 1 करोड़ 41 लाख 69 हजार रुपए 14 जुलाई 2008 को नपा इटारसी को भेज दी थी। इसमें राज्य से 17 लाख 71 हजार और निकाय ने 18 लाख रुपए का अनुदान दिया था।
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इनका कहना है…
जल आवर्धन की वजह से सीवर प्रोजेक्ट अटका है। शर्त के मुताबिक जब तक शहर के प्रत्येक व्यक्ति को मानक अनुसार १३५ लीटर पानी प्रतिदिन नहीं सप्लाई किया जाएगा। तब तक सीवर योजना पर काम शुरू नहीं किया जा सकता।
-यज्ञदत्त गौर, पूर्व सभापति नपा
बारिश में शहरवासियों को परेशानी न आए। इसलिए नालों की सफाई का काम करा रहे हैं। जल आवर्धन और सीवर प्रोजेक्ट दोनों की अपडेट जानकारी लेकर उसमें क्या हो सकता है कराएंगे।
-सीपी राय, सीएमओ नपा
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