नर्मदा किनारे जुटते हैं शहरवासी
पितृ-पक्ष के दौरान तर्पण करने के लिए नर्मदा किनारे बड़ी संख्या में शहरवासी एकत्र होते हैं। यह लोग सुबह से यहां अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करते हैं। इससे मुक्ति पाने का सबसे आसान उपाय पितरों का श्राद्ध कराना।
2018 में पितृ-पक्ष का समय
साल 2018 में पितृ-पक्ष 24 सितंबर 2018 सोमवार से शुरू हो रहा है। यह 8 अक्टूबर 2018 सोमवार तक रहेगा. यहां देखें तिथियों की पूरी सूची और जानें, किस दिन कौन सा श्राद्ध है।
24 सितंबर 2018 सोमवार पूर्णिमा श्राद्ध 25 सितंबर 2018 मंगलवार प्रतिपदा श्राद्ध 26 सितंबर 2018 बुधवार द्वितीय श्राद्ध 27 सितंबर 2018 गुरुवार तृतीय श्राद्ध 28 सितंबर 2018 शुक्रवार चतुर्थी श्राद्ध 29 सितंबर 2018 शनिवार पंचमी श्राद्ध 30 सितंबर 2018 रविवार षष्ठी श्राद्ध1 अक्टूबर 2018 सोमवार सप्तमी श्राद्ध 2 अक्टूबर 2018 मंगलवार अष्टमी श्राद्ध 3 अक्टूबर 2018 बुधवार नवमी श्राद्ध 4 अक्टूबर 2018 गुरुवार दशमी श्राद्ध 5 अक्टूबर 2018 शुक्रवार एकादशी श्राद्ध 6 अक्टूबर 2018 शनिवार द्वादशी श्राद्ध 7 अक्टूबर 2018 रविवार त्रयोदशी श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध 8 अक्टूबर 2018 सोमवार सर्वपितृ अमावस्या, महालय अमावस्या
महालय अमावस्या पितृ पक्ष के सबसे आखिरी दिन को महालय अमावस्या कहते हैं। इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। क्योंकि इस दिन उन सभी मृत पूर्वजों का तर्पण करवाते हैं, जिनका किसी न किसी रूप में हमारे जीवन में योगदान रहा है। उनसे अपनी गलतियों की माफी मांगते हैं। इस दिन किसी भी मृत व्यक्ति का श्राद्ध किया जा सकता है। खासतौर से वह लोग जो अपने मृत पूर्वजों की तिथि नहीं जानते, वह इस दिन तर्पण करा सकते हैं।
पहला श्राद्ध :
तिथि – पूर्णिमा, जिनकी मृत्यु पूर्णिमा तिथि को हुई हो, उनका श्राद्ध पितृ पक्ष के पहले दिन होता है. श्राद्ध करने का समय
कुतुप मुहूर्त : 11:48 से 12:36 तकरौहिण मुहूर्त : 12:36 से 13:24 तकअपराह्न काल : 13:24 से 15:48 तक