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Side Effects of Love Marriage करने जा रहे हैं लव मैरिज तो पढ़ें यह खबर

locationहोशंगाबादPublished: Aug 02, 2018 02:28:51 pm

Submitted by:

poonam soni

शक, सोशल साइट और काम को लेकर आ रही प्रेम विवाह में दरारें, टूट रहे घर

Side Effects of Love Marriage in hindi

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पूनम सोनी/होशंगाबाद. लगभग अस्सी फीसदी प्रेम विवाह असफल हो रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह है, नासमझी, शक, सोशल साइट और छोटे-मोटे घरेलू विवाद। इस साल के बीते सात महीने में ही लव मैरिज के बाद पति-पत्नी के विवाद के सर्वाधिक मामले पुलिस एवं परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे। झगड़े की वजह भी साधारण और उनका अपरिपक्व होना है। हालात यह है कि 18-19 की उम्र में प्रेम विवाह करने वाले युवक-युवती 22-23 की उम्र तक पहुंचने से पहले ही अलग हो जाते हैं। कोई शक की वजह से साथ नहीं रहना चाहता तो कोई सोशल साइट पर पत्नी के व्यस्त रहने और काम नहीं करने के कारण रिश्ता तोडऩा चाहता है। परिवार परामर्श केंद्र में इस साल पति-पत्नी, सास-बहू और घरेलू झगड़े के ९७ मामले आए। इनमें से 75 मामलों का निराकरण कर दिया गया। 35 मामलों में आपसी समझौता हो गया। यह वो मामले थे, जो सास-बहू, पति-पत्नी के घरेलू झगड़ों की वजह से यहां तक पहुंचे थे। इनमें 15-20 मामले लव मैरिज के बाद विवाद होने यहां पहुंचे। अधिकांश में विवाद की एक जैसी वजह थी। सर्वाधिक विवाद का कारण सोशल मीडिया और पत्नी पर संदेह होना है। प्रेम विवाह करने वाले युवक-युवती को एक दूसरे के सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय रहने पर अपत्ति थी। साथ ही उन्हें शक है कि उनका किसी और से अफेयर चल रहा है। फिर घर के काम न करना, बेरोजगारी, आर्थिक समस्या, नशा, दहेज, मारपीट जैसे अन्य कारण सामने आए। कांउसलरों का कहना है कि इनकी लड़ाई का सबसे बड़ा कारा कम उम्र में शादी होना है। उम्र की वजह से यह अपनी जिद पर अड़े रहते हैं और उनके बीच सुलह नहीं हो पाती।
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love marriage in hindi” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/08/02/hd0164_3194678-m.jpg”>ऐसे-ऐसे आए मामले
प्रेम विवाह के दूसरे महीने पहुंचे थाने
ग्वालटोली निवासी 21 वर्षीय दुर्गावती ने अपनी उम्र से एक साल छोटे विजय से दो माह पहले लव मैरिज की। वे एक माह ही प्रेम से रहे, फिर झगड़े शुरू हो गए। बुधवार को दोनों के बीच विवाद एसडीओपी मोहन सारवान के पास पहुंचा तो सरवान ने दोनों की बात सुनी। विजय का कहना था दुर्गा उसके कपड़े नहीं धोती है और मोबाइल पर फेसबुक और वाट्सएप में लगी रहती है। दुर्गा का कहना था कि उसे फोटो खींचने का शौक है। उसे विजय पर शक है, इसलिए सबूत जुटाने महंगा मोबाइल खरीदा है। एसडीओपी ने उन्हें समझाया फिर परामर्श केंद्र भेजा। यहां काउंसलिंग की गई। केंद्र में दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर फिर साथ रहने का वादा किया।
Side Effects of Love Marriage in hindi
प्रेम विवाह के दूसरे महीने पहुंचे थाने
ग्वालटोली निवासी 21 वर्षीय दुर्गावती ने अपनी उम्र से एक साल छोटे विजय से दो माह पहले लव मैरिज की। वे एक माह ही प्रेम से रहे, फिर झगड़े शुरू हो गए। बुधवार को दोनों के बीच विवाद एसडीओपी मोहन सारवान के पास पहुंचा तो सरवान ने दोनों की बात सुनी। विजय का कहना था दुर्गा उसके कपड़े नहीं धोती है और मोबाइल पर फेसबुक और वाट्सएप में लगी रहती है। दुर्गा का कहना था कि उसे फोटो खींचने का शौक है। उसे विजय पर शक है, इसलिए सबूत जुटाने महंगा मोबाइल खरीदा है। एसडीओपी ने उन्हें समझाया फिर परामर्श केंद्र भेजा। यहां काउंसलिंग की गई। केंद्र में दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर फिर साथ रहने का वादा किया।
दूसरे लड़के के साथ अफेयर
आदमगढ़ निवासी अमन और प्रीति (परिवर्तित नाम) ने भी एक साल पहले लव मैरिज की थी, अब उनकी काउंसलिंग चल रही है। शादी के कुछ दिन तक ठीक चला फिर शक से विवाद शुरू हो गए। अमन का कहना है कि प्रीति किसी और से बातें करती है और अब वह उसके साथ नहीं रहना चाहती। वह काउंसलर के बुलाने पर भी परामर्श केंद्र नहीं आती। मुझ पर कहीं से भी पैसे लाने का दबाव बनाती है। अब उसकी प्रताडऩा से तंग आकर अलग होना चाहता हूं।
कम उम्र भी बनी लड़ाई की वजह
परामर्श केंद्र में सबसे ज्यादा मामले प्रेम विवााह के आ रहे है। इसका सबसे बड़ा कारण कम उम्र में शादी होना है। लड़के और लड़की की उम्र कम होती प्रेम प्रसंग के चलते वे शादी कर लेते है, लेकिन जब समझदार होते हैं तो एक-दूसरे के साथ रहना नहीं चाहते।
भावना विष्ट, काउंसलर
लव मैरिज करने वाले बच्चांे की उम्र होती है। वे मानसिक रूप से परिपक्व नहीं होते हैं। एेसे बच्चे शादी से पहले कल्पनाओं में जीते है, और फिर उसे पूरा करने शादी कर लेते है। जब बड़े होते है तो सच्चाई चुनौती पूर्ण होती है। रिश्ते को निभाने की हिम्मत खत्म हो जाती है। इसको रोकने सेक्स एजूकेशन देना जरूरी है। बच्चों की काउंसलिंग कर बताना चाहिए कि ये उम्र उनकी अट्रेक्शन की उम्र होती है। – रागिनी दुबे, मनोवैज्ञानिक
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