पत्रिका ने मामले में नगर परिषद के कुछ कर्मचारियों सहित सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने भी माना है कि कबाड़ की नीलामी होती हैै तथा इससे राजस्व प्राप्त किया जा सकता है। नगर निकाय के सेवानिवृत्त सीएमओ एसके दीवान ने चर्चा में कहा कि जब स्क्रेप मटेरियल पर्याप्त मात्रा में एकत्र हो जाता है तो निकाय नियमानुसार मद घोषित कर सामग्री की नीलामी करती है। मामले में पत्रिका ने अधिकारियों से जानकारी के बाद जब निरीक्षण किया तो पाया कि बड़ी मात्रा में नगर निकाय के पास पुरानी व अनुपयोगी सामग्री है, जो कि कबाड़ में बेचकर राजस्व प्राप्ति का साधन बन सकती हैं।
इसलिए नहीं होती नीलामी की प्रक्रिया
नगर परिषद से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कबाड़ की सामग्री को नीलाम करने की प्रक्रिया लंबी है। पहले तो कबाड़ की पूर्ण जानकारी के साथ पत्र प्रेषित कर शासन से कबाड़ की नीलामी के लिए अनुमति मांगनी होती है। अनुमति भी तत्काल नहीं मिल पाती है। इसके लिए विधिवत प्रक्रिया अपनाई जाती है तथा शासन की ओर से मूल्यांकन दल भेजा जाता है, जो कि कबाड़ की अनुमानित कीमत तय करता है। फिर इसके बाद कबाड़ को घोषित कर इसकी नीलामी की जाती है। लंबी प्रक्रिया होने के कारण अधिकतर परिषदों में कबाड़ की नीलामी नहीं की जाती है।
चोरी हो रही सामग्री
नप सूत्रों की मानें तो नगर परिषद के आधिपत्य के कुछ स्थानों पर रखी पुरानी व अनुपयोगी सामग्री पर कबाडिय़ों की नजर है तथा आए दिन छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में सामग्री कम होती जा रही है। सूत्र बताते हैं कि सामग्री यदि इसी प्रकार गायब होती रही तो नीलामी के लिए कुछ बचेगा ही नहीं। जरूरत है नगर परिषद समय रहते इस ओर ध्यान दे।
इसलिए नहीं होती नीलामी की प्रक्रिया
नगर परिषद से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कबाड़ की सामग्री को नीलाम करने की प्रक्रिया लंबी है। पहले तो कबाड़ की पूर्ण जानकारी के साथ पत्र प्रेषित कर शासन से कबाड़ की नीलामी के लिए अनुमति मांगनी होती है। अनुमति भी तत्काल नहीं मिल पाती है। इसके लिए विधिवत प्रक्रिया अपनाई जाती है तथा शासन की ओर से मूल्यांकन दल भेजा जाता है, जो कि कबाड़ की अनुमानित कीमत तय करता है। फिर इसके बाद कबाड़ को घोषित कर इसकी नीलामी की जाती है। लंबी प्रक्रिया होने के कारण अधिकतर परिषदों में कबाड़ की नीलामी नहीं की जाती है।
चोरी हो रही सामग्री
नप सूत्रों की मानें तो नगर परिषद के आधिपत्य के कुछ स्थानों पर रखी पुरानी व अनुपयोगी सामग्री पर कबाडिय़ों की नजर है तथा आए दिन छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में सामग्री कम होती जा रही है। सूत्र बताते हैं कि सामग्री यदि इसी प्रकार गायब होती रही तो नीलामी के लिए कुछ बचेगा ही नहीं। जरूरत है नगर परिषद समय रहते इस ओर ध्यान दे।
&हमारे यहां अनुपयोगी सामग्री की सुरक्षा भी की जाती है, कोई इसे चोरी नहीं कर सकता है। यदि कोई उपयोगी सामग्री खराब होने लगती है तो उसमें भी कबाड़ की सामग्री से कोई सामग्री या पार्ट्स लेकर सुधार किया जाता है। इसलिए कबाड़ को भी उपयोगी बनाने के प्रयास सदैव किए जाते हैं।
जीएस राजपूत, सीएमओ, नगर परिषद, सोहागपुर।
जीएस राजपूत, सीएमओ, नगर परिषद, सोहागपुर।