scriptकबाड़ हो रही नप की लाखों की कचरा ट्रॉलियां | sohagpur latest hindi news | Patrika News
होशंगाबाद

कबाड़ हो रही नप की लाखों की कचरा ट्रॉलियां

खुले स्थानों पर पड़ी लोहे की सामग्री, हो रहीं चोरी

होशंगाबादMar 17, 2019 / 12:01 pm

sandeep nayak

sohagpur latest hindi news

कबाड़ हो रही नप की लाखों की कचरा ट्रॉलियां

सोहागपुर। नगर परिषद द्वारा लगातार पूरे साल शहर की व्यवस्था सुचारू रखने विभिन्न कार्य किए जाते है। जिसमें उपयोग की जाने वाली सामग्री समय के साथ खराब हो जााती है। इस खराब सामग्री को कबाड़ में फेंक दिया जाता है। लेकिन इसकी नीलामी न होने के चलते यह सामग्री या तो चोरी हो रही है या फिर नप परिसर में पड़े-पड़े सड़ रही है। लेकिन यदि नगर परिषद चाहे तो इस ी सामग्री को स्क्रेप के रूप में नीलामी कर लाखों की आय प्राप्त कर सकती है लेकिन परिषद का इस ओर ध्यान नहीं है।
पत्रिका ने लगातार नगर परिषद के विभिन्न निर्धारित क्षेत्रों का भ्रमण किया, जिनमें मंगल भवन परिसर सहित रघुवंशीपुरा, सरदार वार्ड तथा इंदिरा वार्ड क्षेत्रोंं की पानी की टंकियों के क्षेत्र शामिल हैं, यहां पाया कि दर्जनों की संख्या में पुरानी उपयोगी सामग्री कबाड़ के रूप में पड़ी है। जिनमें वाहनों के पार्ट्स से लेकर पुरानी कचरा गाडिय़ां, ट्रालियां आदि शामिल हैं। किसी समय लाखों रुपए लागत से क्रय की गई सामग्री अब अनुपयोगी पड़ी है जिन पर चोरों की नजर बनी रहती है। जिन्हें मौके पाते हु चोरी कर कबाड़ मेंं बेच दिया जाता है। जबकि यह नगर परिषद के आधिपत्य की सामग्री है। और नगर परिषद यदि विधिवत रूप से इनकी नीलामी करती है तो इससे एक बड़ी आय निकाय को प्राप्त हो सकती है।

पत्रिका ने मामले में नगर परिषद के कुछ कर्मचारियों सहित सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने भी माना है कि कबाड़ की नीलामी होती हैै तथा इससे राजस्व प्राप्त किया जा सकता है। नगर निकाय के सेवानिवृत्त सीएमओ एसके दीवान ने चर्चा में कहा कि जब स्क्रेप मटेरियल पर्याप्त मात्रा में एकत्र हो जाता है तो निकाय नियमानुसार मद घोषित कर सामग्री की नीलामी करती है। मामले में पत्रिका ने अधिकारियों से जानकारी के बाद जब निरीक्षण किया तो पाया कि बड़ी मात्रा में नगर निकाय के पास पुरानी व अनुपयोगी सामग्री है, जो कि कबाड़ में बेचकर राजस्व प्राप्ति का साधन बन सकती हैं।
इसलिए नहीं होती नीलामी की प्रक्रिया
नगर परिषद से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कबाड़ की सामग्री को नीलाम करने की प्रक्रिया लंबी है। पहले तो कबाड़ की पूर्ण जानकारी के साथ पत्र प्रेषित कर शासन से कबाड़ की नीलामी के लिए अनुमति मांगनी होती है। अनुमति भी तत्काल नहीं मिल पाती है। इसके लिए विधिवत प्रक्रिया अपनाई जाती है तथा शासन की ओर से मूल्यांकन दल भेजा जाता है, जो कि कबाड़ की अनुमानित कीमत तय करता है। फिर इसके बाद कबाड़ को घोषित कर इसकी नीलामी की जाती है। लंबी प्रक्रिया होने के कारण अधिकतर परिषदों में कबाड़ की नीलामी नहीं की जाती है।
चोरी हो रही सामग्री
नप सूत्रों की मानें तो नगर परिषद के आधिपत्य के कुछ स्थानों पर रखी पुरानी व अनुपयोगी सामग्री पर कबाडिय़ों की नजर है तथा आए दिन छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में सामग्री कम होती जा रही है। सूत्र बताते हैं कि सामग्री यदि इसी प्रकार गायब होती रही तो नीलामी के लिए कुछ बचेगा ही नहीं। जरूरत है नगर परिषद समय रहते इस ओर ध्यान दे।

&हमारे यहां अनुपयोगी सामग्री की सुरक्षा भी की जाती है, कोई इसे चोरी नहीं कर सकता है। यदि कोई उपयोगी सामग्री खराब होने लगती है तो उसमें भी कबाड़ की सामग्री से कोई सामग्री या पार्ट्स लेकर सुधार किया जाता है। इसलिए कबाड़ को भी उपयोगी बनाने के प्रयास सदैव किए जाते हैं।
जीएस राजपूत, सीएमओ, नगर परिषद, सोहागपुर।

Home / Hoshangabad / कबाड़ हो रही नप की लाखों की कचरा ट्रॉलियां

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो