इसलिए नहीं होती नीलामी की प्रक्रिया
नगर परिषद से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कबाड़ की सामग्री को नीलाम करने की प्रक्रिया लंबी है। पहले तो कबाड़ की पूर्ण जानकारी के साथ पत्र प्रेषित कर शासन से कबाड़ की नीलामी के लिए अनुमति मांगनी होती है। अनुमति भी तत्काल नहीं मिल पाती है। इसके लिए विधिवत प्रक्रिया अपनाई जाती है तथा शासन की ओर से मूल्यांकन दल भेजा जाता है, जो कि कबाड़ की अनुमानित कीमत तय करता है। फिर इसके बाद कबाड़ को घोषित कर इसकी नीलामी की जाती है। लंबी प्रक्रिया होने के कारण अधिकतर परिषदों में कबाड़ की नीलामी नहीं की जाती है।
चोरी हो रही सामग्री
नप सूत्रों की मानें तो नगर परिषद के आधिपत्य के कुछ स्थानों पर रखी पुरानी व अनुपयोगी सामग्री पर कबाडिय़ों की नजर है तथा आए दिन छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में सामग्री कम होती जा रही है। सूत्र बताते हैं कि सामग्री यदि इसी प्रकार गायब होती रही तो नीलामी के लिए कुछ बचेगा ही नहीं। जरूरत है नगर परिषद समय रहते इस ओर ध्यान दे।
जीएस राजपूत, सीएमओ, नगर परिषद, सोहागपुर।