नगर परिषद कार्यालय व राजस्व शाखा से पत्रिका ने मामले में जानकारी प्राप्त की तो ज्ञात हुआ है कि अब तक लगभग पौने 44 लाख रुपए से थोड़ी अधिक वसूली हो चुकी हैै। जबकि पूर्व की मांग तथा वर्तमान की मांग लगभग एक करोड़ सवा 12 लाख रुपए से थोड़ी अधिक की है। 31 मार्च तक नगर परिषद राजस्व शाखा को करने का आदेश व निर्देश सीएमओ कार्यालय से दिया गया है तथा लगातार 16 जनवरी से उक्त कार्य के लिए कर वसूली शिविरों का आयोजन भी विभिन्न वार्डों में किया जा रहा है। देखना होगा कि नगर परिषद कुल लक्ष्य का कितने फीसदी कर वसूली कर पाती है। मामले में नप अधिकारियों का कहना है कि अभी दो माह का समय शेष है तथा प्रयास होंगे कि लक्ष्य तक पहुंचा जाए।
जारी दैनिक समीक्षा
नगर परिषद सीएमओ जीएस राजपूत ने बताया कि प्रतिदिन कर वसूली की समीक्षा भी कार्यालय में की जाती है। समीक्षा दो तरह से की जाती है। एक तो विभिन्न वार्डों में भ्रमण करते हुए नागरिकों से कर वसूली करने वाले कर्मचारियों से दैनिक वसूली की जानकारी ली जाती है तथा कम वसूली वाले कर्मचारी को समझाईश दी जाती है कि अधिक वसूली का प्रयास करें। साथ ही नियमित रूप से वार्डों में लगाए जा रहे कर वसूली शिविरों की वसूली की भी जानकारी राजस्व प्रभारी से ली जाती है। ताकि ज्ञात हो सके कि दैनिक वसूली को किस प्रकार बढ़ाया जाए।
आंकड़ों की स्थिति
नप राजस्व शाखा से प्राप्त जानकारी अनुसार चालू साल की मांग 56 लाख 87 हजार रुपए की है, जिसके विरुद्ध अब तक 28 लाख 16 हजार रुपए की वसूली की जा चुकी है। जबकि पूर्व की मांग लगभग 55 लाख रुपए की थी, जिसमें से अब तक करीब 15 लाख रुपए की वसूली की जा चुकी है। नप सूत्रों के अनुसार चालू वर्ष तथा बकाया मांग मिलाकर कुल मांग करीब एक करोड़ 12 लाख 38 हजार रुपए की है, जिसमें से अब तक 43 लाख 84 हजार रुपए से थोड़ी अधिक वसूली की जा चुकी है। 16 जनवरी से प्रारंभ किए गए शिविरों के जरिए भी 12 दिनों में 11 लाख सात हजार रुपए की वसूली की जा चुकी है। शिविरों से प्रतिदिन की औसत वसूली लगभग 98 हजार रुपए की है। कुल मिलाकर अब तक लक्ष्य की 39 फीसदी वसूली ही हो सकी है। जिसे और बढ़ाने के निर्देश नप सीएमओ द्वारा दिए गए हैं।