मिली जानकारी के अनुसार बारधा उद्वहन लघु सिंचाई परियोजना से लिफ्ट के जरिए मोटरों से गांव बारधा समेत आसपास के गांवों के लगभग 100 से अधिक किसानों की 90 हेक्टेयर फसल सिङ्क्षचत होती थी। सिंचाई विभाग के अधिकारी इस परियोजना को बिजली कनेक्शन ना होने से जनरेटर से चलाई जा रही थी। विभाग कुछ दूर पाइप लाइन बिछाकर नहर में पानी छोड़ता है। जहां से किसानों के खेतों में पानी पहुंचाया जाता है।
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आदिवासी किसान मनीराम ने बताया कि बारधा रैयत में लगभग 100 किसान खेती करते हैं, जिनका रकबा लगभग 100 हेक्टर है।बारधा महिला किसान, प्रेमवती यादव ने बताया कि दुकानदारों ने मनमानी कीमतों पर बीज- खाद दिए हैं। अगर नहर से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला तो किसानों के परेशानी हो जाएगी। तीन महीने पहले कर्ज लेकर मक्का बोवाई की थी। पर बरसात अधिक होने से फसल खराब हो गई। इसका कर्ज अभी पूरा भी नहीं हुआ।
नहर समिति केसला इटारसी अध्यक्ष, चिरोंजीलाल यादव ने कहा कि किसानों की मांग है कि प्रशासन बारधा सिंचाई परियोजना के जनरेटर के लिए डीजल की व्यवस्था करें, ताकि 100 से अधिक किसानों को पानी मिल सकें। जिससे फसल अच्छा हो सकें। सिंचाई विभाग केसला एसडीओ, केसी चौरसिया ने कहा कि बारधा सिंचाई से पानी देने की योजना अंत्यत खर्चीली है। इस कारण अभी स्थगित कर दी है। फिर भी किसानों ने मांग की है, जिनका निराकरण करने का प्रयास करेंगे।