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कब कितना खर्च
वर्ष 2017 की स्थितिसफाईकर्मियों की संख्या- करीब 280
वेतन-भत्तों पर खर्च राशि- करीब 10 करोड़
कचरा वाहनों के ईंधन पर खर्च- करीब 75 लाख रुपए
वर्ष 2018 की स्थिति
सफाईकर्मियों की संख्या- करीब 300
वेतन-भत्तों पर खर्च राशि- करीब 10.50 करोड़
कचरा वाहनों के ईंधन पर खर्च- करीब 80 लाख रुपए
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वर्ष 2019 में 12 करोड़ का खर्च अनुमानित
वर्ष 2019 में स्वास्थ्य विभाग में सफाई सहित तमाम अन्य गतिविधियों पर करीब 12 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। जिसमें सफाई कामगार स्थापना पर 1 करोड़ 66 लाख, सफाई मस्टर गैंग, मृत मवेशी आदि पर करीब 18 लाख 25 हजार, सामान क्रय और सफाई लेडफिल साइट पर करीब 60 लाख रुपए खर्च करने सहित अन्य मदों में राशि का प्रावधान किया गया है।
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दो साल में यह हुए थे काम
नगरपालिका प्रशासन ने स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़ में शामिल होकर शहर में सड़कों के किनारे डस्टबिन लगवाने, डॉग टॉयलेट बनवाने,शौचालयों का निर्माण सहित अन्य गतिविधियों पर दो साल में ही करीब 50 लाख रुपए की राशि खर्च की थी। अब यह हालात हैं कि सर्वेक्षण के दौरान जो भी नवाचार किए गए थे उन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
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यह थी सर्वे में स्थिति
-वर्ष 2017 के स्वच्छता सर्वे के जून २०१८ में आए परिणाम में होशंगाबाद को 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की कैटेगिरी में 75 वां स्थान मिला था।
-वर्ष 2018 के स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे के मार्च 2019 में आए रिजल्ट में होशंगाबाद 7 पायदान और नीचे खिसककर 82 पर चला गया।
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किसने क्या कहा
हमारे क्षेत्र में भी सफाई की स्थिति अच्छी नही है। कई घरों के पीछे कचरे के ढेर नजर आ जाएंगे जिनसे बीमारियां फैलने का खतरा रहता है।
रेखा अग्रवाल, निवासी वार्ड ९
नपा की सफाई व्यवस्था केवल मुख्य मार्गों पर ही नजर आती है। शहर के अंदरूनी क्षेत्रों में नपा कभी ध्यान नहीं देती है।
सुमेर पटेल, निवासी वार्ड ७
शहर में नपा ने 46 से ज्यादा स्थाई कचराघर खत्म कर दिए हैं। शहर के फैलने के कारण थोड़ी परेशानी आती है। नपा प्रशासन अपनी तरफ से शहर को साफ रखने के मौजूदा संसाधनों में पूरे प्रयास कर रहा है। लोगों को भी अपने घरों के आसपास सड़क किनारे कचरा डालने से बचना चाहिए।
अखिलेश खंडेलवाल, नपाध्यक्ष होशंगाबाद
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कब कितना खर्च
वर्ष 2017 की स्थितिसफाईकर्मियों की संख्या- करीब 280
वेतन-भत्तों पर खर्च राशि- करीब 10 करोड़
कचरा वाहनों के ईंधन पर खर्च- करीब 75 लाख रुपए
वर्ष 2018 की स्थिति
सफाईकर्मियों की संख्या- करीब 300
वेतन-भत्तों पर खर्च राशि- करीब 10.50 करोड़
कचरा वाहनों के ईंधन पर खर्च- करीब 80 लाख रुपए
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वर्ष 2019 में 12 करोड़ का खर्च अनुमानित
वर्ष 2019 में स्वास्थ्य विभाग में सफाई सहित तमाम अन्य गतिविधियों पर करीब 12 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। जिसमें सफाई कामगार स्थापना पर 1 करोड़ 66 लाख, सफाई मस्टर गैंग, मृत मवेशी आदि पर करीब 18 लाख 25 हजार, सामान क्रय और सफाई लेडफिल साइट पर करीब 60 लाख रुपए खर्च करने सहित अन्य मदों में राशि का प्रावधान किया गया है।
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दो साल में यह हुए थे काम
नगरपालिका प्रशासन ने स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़ में शामिल होकर शहर में सड़कों के किनारे डस्टबिन लगवाने, डॉग टॉयलेट बनवाने,शौचालयों का निर्माण सहित अन्य गतिविधियों पर दो साल में ही करीब 50 लाख रुपए की राशि खर्च की थी। अब यह हालात हैं कि सर्वेक्षण के दौरान जो भी नवाचार किए गए थे उन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
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यह थी सर्वे में स्थिति
-वर्ष 2017 के स्वच्छता सर्वे के जून २०१८ में आए परिणाम में होशंगाबाद को 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की कैटेगिरी में 75 वां स्थान मिला था।
-वर्ष 2018 के स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे के मार्च 2019 में आए रिजल्ट में होशंगाबाद 7 पायदान और नीचे खिसककर 82 पर चला गया।
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किसने क्या कहा
हमारे क्षेत्र में भी सफाई की स्थिति अच्छी नही है। कई घरों के पीछे कचरे के ढेर नजर आ जाएंगे जिनसे बीमारियां फैलने का खतरा रहता है।
रेखा अग्रवाल, निवासी वार्ड ९
नपा की सफाई व्यवस्था केवल मुख्य मार्गों पर ही नजर आती है। शहर के अंदरूनी क्षेत्रों में नपा कभी ध्यान नहीं देती है।
सुमेर पटेल, निवासी वार्ड ७
शहर में नपा ने 46 से ज्यादा स्थाई कचराघर खत्म कर दिए हैं। शहर के फैलने के कारण थोड़ी परेशानी आती है। नपा प्रशासन अपनी तरफ से शहर को साफ रखने के मौजूदा संसाधनों में पूरे प्रयास कर रहा है। लोगों को भी अपने घरों के आसपास सड़क किनारे कचरा डालने से बचना चाहिए।
अखिलेश खंडेलवाल, नपाध्यक्ष होशंगाबाद
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